Shashi Tharoor on Maldives: भारत और मालदीव के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच कांग्रेस लोकसभा सांसद शशि थरूर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने 14 जनवरी को कहा, "भारत को मालदीव की चीन से नजदीकी को लेकर निश्चित रूप से सतर्क रहना चाहिए और सरकार को इससे होने वाले खतरे के बारे में अवगत होना चाहिए." उन्होंने यहां ‘तुगलक’ पत्रिका की 54वीं वर्षगांठ पर कहा, "चीन, भारत की बॉर्डर पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है." 


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पीएम नरेन्द्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव-भारत राजनयिक विवाद का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा, ‘‘हमें मालदीव सरकार की चीन के साथ बढ़ती निकटता पर बारीकी से नजर रखनी होगी.’’ पूर्व विदेश राज्य मंत्री थरूर ने कहा, ‘‘इस तथ्य में कोई संदेह नहीं है कि चीन हमारे बॉर्डर इलाके में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.  बिना किसी अपवाद के वह (चीन) हमारे सभी पड़ोसी देशों में तेजी से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है.’’


इलेक्शन में इंडिया आउट का दिया था नारा
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमें (भारत) निश्चित रूप से सतर्क रहना चाहिए और हमारी सरकार को उन खतरों के बारे में पता होना चाहिए.’’ इस वक्त मालदीव और भारत के रिश्ते बुरे दौर से गुजर रहे हैं. दरअसल, मालदीव में बीते साल हुए राष्ट्रपति इलेक्शन में चीन समर्थित नेता मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई थी. इसके बाद मुइज्जू ने भारत से मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को वापस भेजने की बात कही थी. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनावी प्रचार में 'इंडिया आउट' का नारा दिया था. 


सबसे पहले तुर्किए का किया दौरा
मुइज्जू बीते दिन भारत यात्रा से पहले चीन की यात्रा करने वाले मालदीव के पहले राष्ट्रपति बन गए. पुराने राष्ट्रपतियों के रास्ते से हटकर मुइज्जू ने इंडिया की जगह सबसे पहले तुर्किए का दौरा किया था. इसके बाद चीन का दौरा किया. राष्ट्रपति बनने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने बताया था कि मालदीव और इंडिया के साथ किए गए उस समझौते को खत्म करना चाहता है, जिसमें भारतीय नेवी को मालदीव के जलक्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की इजाजत दी गई थी. यह समझौता 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माले दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच हुआ था.