Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने एक शादीशुदा औरत की तरफ से दायर रेप केस को यह कह कर खारिज कर दिया है कि वह दूसरे मर्द के साथ शारीरिक संबंध बनाने के नतीजों से रूबरू थी. कोर्ट ने यह मानने से इनकार किया कि मुल्जिम ने गुमराह करके औरत को सहमत किया. हाईकोर्ट के जज सुभाष चांद ने रेप केस को खारिज कर दिया, जिसमें महिला ने इल्जाम लगाया था कि शादी का झूठा वादा करके उसने उसके साथ रेप किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबित, न्यायाधीश सुभाष चांद ने कहा, "पीड़िता ने 2018 में शादी की थी. न्यायालय के जरिए इसे खत्म किए बिना उसने मुल्जिम अभिषेक कुमार पाल से शारीरिक संबंध बनाएं. वह दूसरे शख्स से शारीरिक संबंध के नतीजों को जानती थी. इसके अलावा 2018 में उसकी शादी हो चुकी थी." अदालत ने कहा, "शिकायतकर्ता यह नहीं कह सकती की झूठा वादा करके रेप किया गया." बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी.


महिला ने इल्जाम लगाया था कि मुल्जिम ने उसे दोस्ताना संबंध बनाएं और फिर शादी का वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाएं. उसने औरत पर कथित तौर पर दबाव डाला कि वह अपने परिवार को इसके बारे में न बताए. इसके बाद वह पढ़ाई के लिए दूसरी जगह चला गया और बाद में किसी और से शादी कर ली. इसके बावजूद मुल्जिम उससे संपर्क में रहा.


शिकायतकर्ता महिला ने 2019 में अपने शौहर को तलाक दे दिया, 2020 में दोनों शादी करने वाले थे लेकिन कोविड में लॉकडाउन की वजह से ऐसा नहीं कर पाए. औरत का इल्जाम था कि इस दौरान भी मुल्जिम उससे संबंध बनाता रहा, बाद में औरत ने उसके परिवार को इस रिश्ते के बारे में बताया तो मुल्जिम के परिवार ने लड़के को संबंध तोड़ने को कहा.


अदालत ने कहा कि औरत ने अपने शौहर को तलाक नहीं दिया था और इसके बावजूद दूसरे शख्स से संबंध बना रही थी. कोर्ट ने कहा कि FIR में दी गई शिकायत और जांच अधिकारी की तरफ से इकट्ठा सबूत में इस बात के लिए पर्याप्त नहीं है कि मुल्जिम पर रेप का कैस चलाया जाए. 


Zee Salaam