नया साल आना वाला है. लोग नए साल पर एक दूसरे को बधाई देते हैं, एक दूसरे के साथ नए साल की शाम को घूमने निकलते हैं, नए-नए खाने बनाते है और दोस्तों से गेट-टुगेदर करते हैं. इसके साथ-साथ हम इसमें भी कंफ्यूज रहते हैं कि अपने दोस्तों को नए साल की मुबारकबाद कैसे दे? आज हम आपके लिए नए साल पर लिखे गए कुछ शेर लेके आएं हैं. आप इन शेर को अपने खास लोगों को भेज सकते हैं और नए साल की मुबारकबाद दे सकते हैं. आइये पढ़ते हैं नए साल पर लिखे गए 10 शेर. 


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न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है 
किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है 
अहमद फराज़


यकुम जनवरी है नया साल है 
दिसम्बर में पूछूँगा क्या हाल है 
अमीर क़ज़लबाश


न कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए 
ख़ुदा करे कि नया साल सब को रास आए 
फ़रियाद आज़र


कुछ ख़ुशियाँ कुछ आँसू दे कर टाल गया 
जीवन का इक और सुनहरा साल गया 
अज्ञात


देखिए पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़ 
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है 
मिर्ज़ा ग़ालिब


इक अजनबी के हाथ में दे कर हमारा हाथ 
लो साथ छोड़ने लगा आख़िर ये साल भी 
हफ़ीज़ मेरठी


ये किस ने फ़ोन पे दी साल-ए-नौ की तहनियत मुझ को 
तमन्ना रक़्स करती है तख़य्युल गुनगुनाता है 
अली सरदार जाफ़री


नए साल में पिछली नफ़रत भुला दें 
चलो अपनी दुनिया को जन्नत बना दें 
अज्ञात


एक पत्ता शजर-ए-उम्र से लो और गिरा 
लोग कहते हैं मुबारक हो नया साल तुम्हें 
अज्ञात


चेहरे से झाड़ पिछले बरस की कुदूरतें 
दीवार से पुराना कैलन्डर उतार दे 
ज़फ़र इक़बाल