World Animal Day Special: पूरी दुनिया में 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस (World Animal Day) मानाया जाता है. इसका मकसद जानवरों के अधिकारों की रक्षा करना है. पशुओं के प्रति इंसानों को संवेदनशील बनाना है और उनका संरक्षण करना है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिस इस्लाम में पशुओं की कुरबानी देने की प्रथा और मांस खाना आम है, वहां भी पशुओं के अधिकारों की रक्षा की बात कही गई है. इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.) ने पशुओं को लेकर कई अदेश दिए थे. हजरत सुहैल (रजि.) कहते हैं, "नबी करीम (स.) एक बार एक ऊंट के पास से गुजर रहे थे, जिसका पेट भूख से अंदर को धंस गया था. आप ने फरमाया कि इस बेजुबान जानवर की दशा और अल्लाह की नाराजगी से बचो. इसे भूखा न मारो. इसकी सवारी तभी करो, जब ये अच्छी हालत में हो और सेहतमंद हो. नबी ने फरमाया कि अगर किसी के पास कोई पालतू जानवर हो तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उसके मालिक की होती है. आखिरत में आल्लाह किसी जानवर पर किये गए ज़ुल्म का भी हिसाब लेगा. ( हदीस अबू दाउद)  


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जानवरों को लेकर पैगंबर की नसीहतें;


पशुओं के चेहरे पर न मारो. उनके साथ किसी तरह की ज्यादती न करो. उनकी ताकत से ज्यादा उन पर बोझ न डालो.


जानवरों को आपस में न लड़ाओ. मुर्गे, बेटर, उंट या भेड़ को आपस में लड़ाना नाजायज है.


चिड़ियों को उनके बच्चे से अलग न करो. किसी भी जानवर को आग से नुकसान न पहुंचाओ.


किसी जानवर या परिंदे को बांधकर उस पर निशाना न साधो. किसी जानदार पर निशानेबाजी का अभ्यास करने वालों पर अल्लाह के रसूल ने लानत भेजा है.


सभी जानवर और जानदार से रहम करना चाहिए. उनके प्रति दया का भाव रखने वालों से अल्लाह खुश होता है और इसका बदला देता है.


जिस जानवर को इंसानों के लिए हलाल किया गया है, उसे तेज चाकूओं से जिबह करो ताकि उसे कम से कम तकलीफ हो और उसकी जान आसानी से निकल जाए.


किसी भी जानवर को दूसरे जानवर के सामने जिबह मत करो. इससे उसे सदमा पहुंचता है.