बाल्टीमोर के मशहूर मुक्केबाज गेर्वोंटा डेविस (Gervonta Davis) ने मैरीलैंड की मस्जिद में एक प्रोग्राम के दौरान इस्लाम अपना लिया. इस बात की तस्दीक इमाम हसन आब्दी ने की. वुडलॉन में मस्जिद अल हिदायाह में, डेविस ने इस्लाम में अपने यकीन की तस्दीक की. उनके मुताबिक उन्हें अल्लाह पर यकीन है. इसके बाद उन्होंने अपना नया नाम अब्दुल वाहिद रखा. उन्होंने अभी तक कानूनी तौर पर अपना नाम नहीं बदला है.


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इमाम से मिले डेविस
इमाम आब्दी ने डेविस के अख्लाक के बारे में बताया. उनके मुताबिक डेविस अच्छा इंसान बनना चाहते थे. इमाम से डेविस की जान पहचान नाश्ते पर हुई. मस्जिद के प्रशासक सबुर कार्टर ने आब्दी, डेविस और उनके कोच सहित उनकी टीम की मुलाकात इमाम से कराई. फिलाडेल्फिया में रहने वाले उपदेशक आब्दी लगभग दो दशकों से मैरीलैंड की मस्जिदों में तकरीर कर रहे हैं.



डेविस ने कबूला इस्लाम
डेविस और इमाम की एक घंटे तक बतचीत चली. इसके बाद डेविस ने इस्लाम अपनाने की सोची. इसके बाद डेविस ने अल्लाह में यकीन जाहिर किया और प्रोफेट मोहम्मद स0. को उनका दूत माना और कलमा पढ़ कर इस्लाम कुबूल किया. उन्होंने बाल्टीमोर की तरक्की के लिए नौजवानों पर काम करने और उन पर खर्च करने का इरादा जाहिर किया.


अच्छा इंसान बनना चाहते थे डेविस
इमाम आब्दी ने डेविस के अच्छे कामों की तारीफ की. उनके मुताबिक डेविस जिंदगी में अच्छे काम करने का इरादा रखते हैं. वह अपनी कम्युनिटी को बेहतर बनाना चाहते हैं. आब्दी के मुताबिक जब डेविस ने अपने होम टाउन पर खर्च करने के बारे में सोचा होगा, इससे उन्हें इस्लाम अपनाने में मदद मिली होगी. क्योंकि इस्लाम ऐसा धर्म है जो वह अपनी तरक्की के साथ-साथ दूसरों की मदद करने के लिए कहता है.


हादसे ने किया प्रेरित
अंदाजा लगाया जा रहा है कि डेविस की जिंदगी में हुए हादसें ने भी उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया होगा. साल 2020 में डेविड पर हिट एंड रन का केस दर्ज किया गया. कानूनी लड़ाई के दौरान उन्हें घर में नजरबंद किया गया. इसके अलावा उन्हें कुछ दिन जेल में भी बिताने पड़े.


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