Azizan Begum: 1857 के संग्राम में लड़ने वाली तवायफ़ की कहानी, जिसने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए
77th Independence Day: कानपुर की नाचने-गाने वाली महिला अजीजन बेगम 1857 सत्तावन के स्वतंत्रता संग्राम की उन बहादुर महालिओं में शुमार होती हैं, जिन्होंने अपने मुल्क को आज़ाद कराने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी.. अजीजन का जन्म 1832 में लखनऊ में हुआ था, लेकिन बदकिस्मती से अजीजन को कानपुर आकर मशहूर तवायफ़ उमराव जान अदा के साथ नाचने गाने का काम करना पड़ा. हालांकि, यहां से ही उन्हें नई राह मिली. यहां उनकी मुलाकात क्रांतिकारियों से हुई] जो मुल्क की आज़ादी के दीवाने थे. नाना साहब के कहने पर अजीजन ने अंग्रेज़ों से टक्कर लेने का फैसला किया. वह पहले से ही हथियार चलाने की कला में कुशल थी, इसलिए उन्होंने अंग्रेज़ों से टक्कर लेने के लिए दूसरी स्त्रियों का एक सशस्त्र दल गठित किया और खुद उसकी कमान संभाली. वे नाना साहब सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों के बारे में जानकारी भी दिया करतीं थी. देखें अजीजन बेगम की पूरी कहानी..