Islamic Knowledge: इस नियम से नहीं करेंगे गुस्ल, तो दिन भर साबुन मलने से भी नहीं होंगे पाक!
रीतिका सिंह Thu, 16 Feb 2023-12:31 pm,
इस्लामी ज्ञान: इस्लाम धर्म में पाकी यानी साफ-सुथरा रहने को नस्फ ईमान यानी आधा ईमान कहा जाता है. इसका मतलब यह है कि इंसान को हर समय पवित्र की रहना चाहिए. ये इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि एक इस्लाम धर्म को मानने वाले व्यक्ति के लिए यह जरूरी होता है कि वह दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़े और नमाज पढ़ने के लिए पाक हालत में होना जरूरी होता है. पाक-साफ होने के लिए नहाना, गुसुल या स्नान (Purification Bath In Islam) करना जरूरी होता है. अगर कोई शख्स नापाक या अपवित्र हो गया हो तो उसे दोबारा पाक होने के लिए नहाना पड़ता है. लेकिन इस्लाम में नहाने (Ritual Of Ghusl) का भी तौर-तरीका बताया गया है. इस वीडियो में हम आपको इस्लाम के नहाने के तौर-तरीकों के बारे में बताएंगे. देखें