नई दिल्लीः अवैध शिकार की वजह से भारत में हो रही बाघों की मौतों के बीच ही बाघ को लेकर एक बेहद अच्छी खबर सामने आई है. सफेद हाथी, ब्लैक टाईगर और व्हाइट टाइगर जैसे दुर्लभ रंगों वाले जानवरों के बारे में आपने जरूर सुना और देखा होगा. लेकिन अगर कोई कहे कि काले रंग का भी बाघ (Black Tiger) होता है, तो आप यकीन नहीं करेंगे. लेकिन एक वीडियो में ब्लैक टाइगर को आप अपनी आंखों से खुद देख सकते हैं. आईएफएस अधिकारी सुशांता नंदा ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें काले रंग का एक दुर्लभ बाघ नजर आ रहर है. इसे ओडिशा टाइगर रिजर्व में देखा गया है. इस बाघ को देखकर लोग हैरान हो रहे हैं. इस वीडियो क्लिप को अबतक हजारों व्यूज और लाइक्स मिल चुके हैं.


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अपने इलाके को मार्क कर रहा है बाघ 


वायरल वीडियो में काले रंग का दुर्लभ बाघ पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करता हुआ दिखाई दे रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक, वीडियो में बाघ जो पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा है, दरअसल, ये अपने इलाके की पहचान रखने की जानवरों की एक तकनीक है. बाघ इस बात को भांपने की कोशिश कर रहा है कि आसपास कहीं उसे कोई खतरा तो नहीं है. वह पेड़ पर अपने पंजों से निशान बना रहा है, ताकि उसे यह इलाका याद रहे.




आईएफएस अधिकारी ने शेयर किया विडियो 
इस वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए नंदा ने लिखा है, "भारत के जंगलों के ’संतुलन’ का प्रतीक है. इंटरनेशनल टाइगर डे  पर अपने इलाके को चिह्नित करते एक मेलेनिस्टिक बाघ का वीडियो शेयर कर रहा हूं. बड़े ही अनोखे जीन के साथ अलग अबादी के स्रोत की रिकवरी के लिए तैयार टाइगर रिजर्व. वहीं, इस वीडियो पर आईएफएस अधिकारी परवीन कासवान ने भी लिखा है, भारत के काले बाघ. क्या आप जानते हैं कि सूडो- मेलेनिस्टिक टाइगर सिमलीपाल में पाए जाते हैं. ये बाघ बहुत दुर्लभ हैं. इन्हें पहली बार साल 2007 में सिमलीपाल टाइगर रिजर्व में देखा गया था.


2012 के बाद से एक हज़ार से अधिक बाघों की मौत
गौरतलब है कि भारत में 2012 से अब तक 1,059 बाघों की मौत हो चुकी है. मध्य प्रदेश बाघों की मृत्यु की सर्वाधिक संख्या दर्ज की गई है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के मुताबिक, इस साल अब तक 75 बाघों की मौत हो चुकी है, जबकि पिछले साल 127 बाघों की मौत हुई थी. यह 2012 से लेकर 2022 की अवधि में सबसे ज्यादा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में 106 बाघों की मौत हुई थी, 2019 में 96, 2018 में 101, 2017 में 117, 2016 में 121, 2015 में 82, 2014 में 78, 2013 में 68 और 2012 में 88 बाघों की मौत हुई थी. आंकड़ों के मुताबिक 2012-2020 की अवधि में 193 बाघों की शिकार के कारण मौत हुई. 


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