आजादी से भी पहले की हैं यह भारतीय कंपनियां, दुनियाभर के बाजारों में बजता है डंका
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हिंदुस्तान को अंग्रेजों से आजादी मिले हुए 75 वर्ष हो चुके हैं. इसी खुशी में हर साल 15 अगस्त को हर हिंदुस्तानी जश्ने आजादी मनाता है. यानी स्वतंत्रता दिवस (Independence Day). इस दिन पूरी दुनिया हिंदुस्तान की ताकत को देखती है.
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हिंदुस्तान को अंग्रेजों से आजादी मिले हुए 75 वर्ष हो चुके हैं. इसी खुशी में हर साल 15 अगस्त को हर हिंदुस्तानी जश्ने आजादी मनाता है. यानी स्वतंत्रता दिवस (Independence Day). इस दिन पूरी दुनिया हिंदुस्तान की ताकत को देखती है. हालांकि देश की ताकत का लोहा दुनिया पहले ही मान चुकी है. रक्षा के क्षेत्र में पिछले दिनों ही दुनिया भर में हिंदुस्तान का डंका बजा है. इसके अलावा हम बात कर रहे हैं देश के इकॉनोमी यानी आर्थव्यवस्था की. भारत की अर्थव्यवस्था भी चर्चा का विषय है. इस अर्थव्यवस्था का बनाए रखने में भारत की कई दिग्गज कंपनियों का हाथ है.
कुछ ऐसी कंपनियां जो हिंदुस्तान को आज़ादी मिलने से पहले ही अपना काम शुरू कर चुकी थीं. ये कंपनियां आज़ादी के 70 बरस गुजर जाने के बाद भी फलफूल रही हैं. अरबों-खबरों रुपये का बिजनेस कर हिंदुस्तान के परमच को दुनियाभर में लहराती हैं. इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसी कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज़ादी से भी पहले की बनी हुई हैं और आज भी देश की तरक्की में अपना बड़ा योगदान दे रही हैं.
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टाटा ग्रुप (TATA Group)
जब भी हम पुरानी और सबसे कामयाब कंपनियों की तरफ देखते हैं तो TATA Group का नाम जरूर आता है. इस कंपनी ने देशवासियों को बेहतरीन गाड़ियों के अलावा हर घर मौजूद टाटा नमक जैसी चीजें दी हैं. TATA की शुरुआत साल 1868 में हुई थी. इसके चेयरमैन रतन टाटा हैं. फिलहाल इस ग्रुप की कई कंपनियां, जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स वगैरह चल रही हैं. जो देश की इकोनॉमी में बड़ा योगदान दे रही हैं.
ब्रिटानिया (Britannia)
इसके बाद बात करते हैं ब्रिटानिया की. इस कंपनी बिस्कुट तो आपने खाए ही होंगे. फूड सेक्टर की इस दिग्गज कंपनी का आगाज़ 1892 में हुआ था. यह कंपनी ना सिर्फ बिस्किट बल्कि खाने कई चीजें बनाती है. कहा जाता है कि इस कंपनी की शुरुआत एक छोटी से दुकान से हुई थी और आज दुनियाभर में ब्रिटानिया का कोराबार फैला हुआ है. इस कंपनी के चेयरमैन नस्ली वडालिया हैं.
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डाबर (Dabur)
आपके घरों में मौजूद कुछ आयुर्वेदिक दवाइयों पर आपने डाबर लिखा हुआ देखा होगा. यह कंपनी भी 1884 से हिंदुस्तान में राज कर रही है. इस कंपनी को SK बर्मन नाम के डॉक्टर ने शुरू किया था. आयुर्वेदिक दवाइयों के क्षेत्र में डाबर एक बहुत बड़ा नाम है. फिलहाल इस कंपनी के चेयरमैन आनंद बर्मन हैं.
गोदरेज (Godrej)
आपने अपने घर में रखी अमारियों पर गोदरेज लिखा हुआ देखा होगा. यह कंपनी भी बहुत पुरानी है. यह कंपनी ना सिर्फ मेटल, बल्कि इलेक्ट्रानिक्स आइटम्स बनाने इस कंपनी को महारत हासिल है. इसकी शुरुआत साल 1897 में आर्देशर गोदरेज और उनके भाई पिरोजशा गोदरेज ने की थी.
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बिड़ला ग्रुप (Birla Group)
भारत में बिड़ला ग्रुप भी एक बड़ा नाम है. इस ग्रुप का कारोबार हिंदुस्तान के अलावा दुबई, सिंगापुर,, म्यांमार, लाओस, इंडोनेशिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, हंगरी, ब्राजील, इटली, फ्रांस समेत 25 देशों में कारोबार फैला हुआ है. इस कंपनी के कारोबार का आगाज़ कपास के से शुरू हुआ था. जो शिव नारायण बिड़ला ने किया था. एक खबर के मुताबिक 1890 में जूट निर्माण कंपनी के तौर पर कायम किया.
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