नई दिल्ली: दिवाली की तैयारियां शुरू हो गई हैं. बाजारों में रौनक नज़र आने लगी और घर भी सजने सजने शुरू हो गए हैं. दिवाली को लेकर हर बार की तरह इस बार भी वोकल फॉर लोकल का नारा है. सबसे ज्यादा अट्रैक्टिव दीये, कैंडल, लाइट, सजावट सामग्री लोकल ही डिमांड में हैं. लोग वोकल फॉर लोकल को इतना सपोर्ट कर रहे हैं और मिट्टी के दिए बनाने वालों का धन्यवाद कर रहे हैं. साथ ही लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि वो देशी सामान अपनाएं और देश को मजबूत करें.


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हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में लोगों को 'वोकल फॉर लोकल' की याद दिलाई. वाराणसी में प्रधानमंत्री कहा था कि हमें इस दिवाली में भी अपने स्‍थानीय कामगारों का ख्‍याल रखना है. हम जितना अधिक 'वोकल फॉर लोकल' होंगे, उतना ही हमारे परिवारों में खुशहाली आएगी. उन्‍होंने लोगों से धनतेरस से दीवाली तक स्‍थानीय उत्‍पादों की खरीदारी का आह्वान किया था. इसके साथ यह भी कहा कि लोकल का मतलब सिर्फ मिट्टी के दीये नहीं हैं.


पीएम मोदी की इस अपील के बाद लोगों लोगो में और भी ज़्यादा उत्साह बढ़ गया. आईए दिखाते है आपको इससे जुड़ी एक झलक सोशल मीडिया पर मौजूद पोस्ट की.


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#दिवालीपरधन्यवाद मै धन्यवाद देती हूं उन सभी मिट्टी के दिए बनाने वालो को जो कड़ाके की सर्दी हो या धूप उसमे बैठकर हमारे लिए मिट्टी के दीए बनाते है। दोस्तो इस बार #vocalforlocal बनकर इनसे ही अपने घर के लिए समान खरीदे।और अपने घर को मिट्टी के दीयों के साथ रोशन करे।इनके चेहरे की वो एक मुस्कुराहट आपके लिए करोड़ों दुआओ के बराबर है।तो देर मत कीजिए आज ही अपनी फोटो मेरे कू से साथ जोड़िए #दीवाली
- Preeti Sharma (@preeti_sharma103) 1 Nov 2021

 


 


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#दिवालीपरधन्यवाद दिवाली पर धन्यवाद की बात तो जब है कि प्रत्येक समर्थ व्यक्ति अपने लिये खर्च करने जा रहे प्रति हजार रु पर एक सौ रुपये अपने आस-पास रहने वाले अभाव ग्रस्त लोगों के लिए खर्च करे ताकि उनकी भी हैप्पी दिवाली हो सके ,,, जो ऐसा करेंगें उनके लिए मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ 
- सुरेश चन्द आचार्य (@सुरेश_चन्द_आचार्य) 30 Oct 2021

 


 



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