गर्मियों में कूलर का सहारा लेना आम बात है. गर्मी से राहत देने को अगर छोड़ दिया जाए तो इसके फायदे कम और नुक्सान ज्यादा हैं.

एक हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक, हमेशा कूलर की हवा में रहना सेहत के लिए काफी नुकसनादेह है. आइए जानते हैं कि हमेशा कूलर की हवा में सोने में क्या-क्या नुकसान हैं.

पहली बात यह है की कूलर की आवाज तेज निकलती है, जो मूड में खींझ पैदा कर सकता है. जिससे आपका सुकून छीन सकता है.

दूसरी ये बात है कि कूलर में एक मोटर होता है, जो पानी को फिल्टर पर फेकता है, जो पानी कूलर से वाष्प के रूप में निकलता है. ऐसे में जब आपके आसपास के मौसम नमी होती है, तो उस नमी से मिलकर और ज्यादा नमी बना देता है, जिसकी वजह से रूम में उमस बनने लगता है, जो बीमारियों को जन्म देता है.

बंद रूम में कूलर चला के सोने से उमस पैदा होती है. क्योंकि कूलर तेज हवा के साथ-साथ पानी के छीटे फेकता है, जो पानी वाष्प के रूप में निकलता है. जिससे बदन चिपचिपा हो जाता है. जिससे आपकी नींद बार-बार खुल जाती है.

कई बार लोग कूलर का पानी रोजाना नहीं बदलते हैं. ऐसे में कूलर में मौजूद पानी ठहर जाता है, जिसमें मलेरिया और डेंगू के लार्वा के पनपने की आशंका अधिक रहती है. जब आप कूलर में बिना पानी बदले हुए चलाएंगे, तो ये लार्वा हवा के साथ पूरे रूम में फैल जाते हैं और ये डेंगू और मलेरिया मच्छर बन जाता हैं.

अस्थमा के मरीजों को कूलर में नहीं सोना चाहिए. क्योंकि अस्थमा के मरीजों को न तो ज्यादा तेज हवा और न ही तेज गर्म हवा चाहिए होती है. वहीं, कूलर से बहुत तेज हवा निकलती है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा हो सकती है. हालांक, कूलर के हवा से किसी को अस्थमा की बीमारी नहीं होती है.

कूलर में ज्यादा वक्त तक रहने से मांसपेशियों में खिचांव होने लगती है, जिससे आपको थकान जैसे महसूस होने लगता है. इससे जोड़ों में दर्द हो सकता है. गठिया की समस्या हो तो बढ़ जायेगी.

कूलर को कभी भी बंद कमरे में नहीं लगाना चाहिए. अगर आपको घर में बच्चे पढ़ रहे हो, तो उस समय कूलर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. क्योंकि कूलर की साउंड बच्चे के मूड को स्विंग कर सकता है.

कूलर के इस्तेमाल से आपको सर्दी और नजला जैसी बिमारी भी हो सकती है.. आपके त्वचा खराब हो सकते हैं.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारी दिल्ली के सिटी हॉस्पिटल की हेल्थ एक्सपर्ट तवलीन कौर से बातचीत पर आधारित है. हालांकि, सभी लोगो पर कूलर का एक जैसा दुष्प्रभाव हो ये ज़रूरी नहीं है.

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