बदलते दौर में दांतों में सड़न एक आम समस्या बन गई है. बच्चे, नौजवान और बुजुर्ग भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं.
गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर लोग दांतों की समस्या को नजरअंदाज करते हैं. हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि इस समस्या को नजरअंदाज करना जानलेवा भी हो सकता है.
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, दांतों की सड़न एक गंभीर समस्या है. यह आपके चेहरे की खूबसूरती से लेकर आपके आत्मविश्वास तक सब कुछ छीन लेती है.
सबसे दुख की बात यह है कि इस सड़न का पता एक दिन में नहीं चलता है. आइए जानते हैं कि दांतों में सड़न के कारण और लक्षण क्या है.
डॉक्टर का कहना है कि दांतों में सड़ने की समस्या सबसे ज्यादा छोटे बच्चों के दांतों से शुरू होती है. क्योंकि जब बच्चों को बोतल का दूध पिलाया जाता है, तो उस दूध से कैमिकल रिएक्शन तैयार होता है, जिससे दांतों में कीड़ा लग जाता है.
जब बच्चे बड़े होते हैं, तो ब्रेड, अनाज, कैंडी, सोडा और फल का ज्यादा सेवन करते हैं. जिससे दातों में सड़न पैदा होने लगता है. क्योंकि इसमें कार्वोहाइड्रेट ज्यादा होता है. जिससे ये एसिड बन जाता है और एसिड दातों के इनैमल को खत्म कर देता है. जिससे दांत सड़ने लग जाते हैं.
इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि आजकल के बच्चे ज्यादा जंक फूड का सेवन करते हैं. जो दांतों में सट कर बैठ जाता है. जिससे मार्कोऑर्गनिइज्म को जीने की के लिए प्रयाप्त जगह मिल जाती है. फिर वो तेजी से अपना काम करना शुरू कर देता है. जिससे दांत सड़ने लगते हैं.
जो लोग तंबाकू, सिगरेट और गुटखा खाते हैं, जिससे दातों में पीले रंग की परत जम जाती है. जिसे डॉक्टर कलक्युलस कहते हैं. इस वजह से मसूड़े सूज जाते हैं और दांत खराब हो जाता है.
दांतों में सड़न की समस्या ज्यादातर उन लोगों को भी होती है, जिनके परिवार में पहले भी यह समस्या रही है, जिसके कारण इसे अनुवांशिक कारण माना जाता है.
मधुमेह से पीड़ित लोगों को भी दांतों की सड़न की समस्या का सामना करना पड़ता है.
यहां दी गई जानकारी सीनिरय डेंटिस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर इमरान हुसैन से बातचीत पर आधारित है.