डिप्रेशन

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी न किसी समय तनाव और चिंता से ग्रस्त रहता है. खासकर जब बात महिलाओं के स्वास्थ्य की आती है, तो वे अपनी कई समस्याओं को नजरअंदाज करती रहती हैं.

तनाव और चिंता से ग्रसित होने के बावजूद महिलाएं इन्हें नजरअंदाज करती रहती हैं, जो आगे चलकर डिप्रेशन (Depression in Women) का रूप ले सकता है. आज ज्यादातर महिलाएं डिप्रेशन से ग्रसित हैं, लेकिन उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं होता कि वे डिप्रेशन में हैं.

डिप्रेशन का इलाज न कराने से आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. अगर किसी वजह से आप दिन-रात तनाव और चिंता से घिरे रहते हैं, तो सबसे ज़रूरी है इस पर कंट्रोल पाना.

पुरुषों और महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षणों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता है, लेकिन अगर लक्षण 3 दिनों से अधिक वक्त तक बने रहते हैं, तो जितनी जल्दी हो सके इलाज शुरू कर दें, इस मानसिक समस्या से बाहर निकलना उतना ही आसान होता है.

तीन महीने से ज्यादा समय तक रहने वाला अवसाद तीव्र अवसाद का रूप ले सकता है और अगर यह 6 महीने से अधिक वक्त तक रहता है, तो इसे क्रोनिक डिप्रेशन कहा जाता है, जिसे ठीक होने में कई साल लग सकते हैं. आइए जानते हैं महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण...

अगर आपने उन शौकों में रुचि खो दी है जो आप पहले किया करते थे, तो यह डिप्रेशन का शरुआती लक्षण (महिलाओं में अवसाद के लक्षण) हो सकता है. इसमें महिलाएं कम बोलती है और किसी से बहुत कम मिलती है.

डिप्रेशन के लक्षणों में किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करने या ध्यान केंद्रित करने में समस्या शामिल है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि डिप्रेशन से पीड़ित लोग अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं और उनके दिमाग में चल रही बातें ही उनकी पहचान बन जाती हैं. इसका असर आपके घर के काम के साथ-साथ आपके प्रोफेशनल काम पर भी पड़ सकता है.

अगर आप पहले की तुलना में अब कम खाते हैं और अपना पसंदीदा खाना देखने के बाद भी क्रेविंग नहीं होती है, तो इस लक्षण को गंभीरता से लें. क्योंकि ये भी डिप्रेशन के लक्षण हैं.

कई बार तनाव और डिप्रेशन के कारण भी कुछ महिलाओं के पीरियड्स प्रभावित होते हैं. लंबे वक्त तक डिप्रेशन से पीड़ित रहने से समय से पहले मेनोपॉज भी हो सकता है.

डिप्रेशन की वजह से रात में नींद नहीं आती है. डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में यह एक बहुत ही आम लक्षण है. डिप्रेशन के कारण महिलाएं देर रात तक जागती रहती हैं, उनकी नींद का चक्र प्रभावित होता है.

डिस्क्लेमर

यहां दी गई जानकारी सीनियर डॉक्टर साकेत शर्मा से बातचीत पर आधारित है.

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