Gaza Israel war: इजरायल और हमास के दरमियान तकरीबन एक महीने से जंग जारी है. हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था, उसके बाद यह संघर्ष शुरू हुआ है. जंग में अब तक दोनों तरफ के तकरीबन 11 हजार लोग मारे गए हैं. अकेले गाजा में 10 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इसके बरक्स कई हजार लोग घायल हुए हैं. गाजा में खाने पीने और जरूरी चीजों की कमी हो गई है. हालात पर संयुक्त राष्ट्र लगातार नजर बनाए हुए है. 


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जरूरी सेवाएं बंद


संयुक्त राष्ट्र संघ ने बताया है कि गाजा में 7 अक्टूबर के बाद किसी भी तरह के ईंधन को जाने की इजाजत नहीं दी गई है. इससे यहां जरूरी सेवाएं बंद हो गई हैं. इससे यहां 23 लाख लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है. 


संघर्ष विराम नहीं


एबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह गाजा में मानवीय मदद पहुंचाने और बंधक बनाए गए 240 इजरायली लोगों को छोड़े जाने के लिए जंग में कुछ विराम देने की इच्छा जताई है. उन्होंने सभी बंधकों को रिहा नहीं किए जाने तक सामान्य संघर्ष विराम से इंकार किया है. नेतन्याहू का कहना है कि जंग के बाद गाजा की सुरक्षा की जिम्मेदारी इजरायल पर होगी.


2300 लोग लापता


आपको बता दें कि बीते एक महीने में इजरायल और गाजा के दरमियान जंग में अकेले गाजा में 10328 लोगों की मौत हुई है. हमास की तरफ से किए गए हमले में 1400 इजरायली मारे गए हैं. इजरायली स्वास्थ्य ममंत्रालय के मुताबिक गाजा में तकरीबन 4100 बच्चे मारे गए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक गाजा से 2300 लोग लापता हुए हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह लोग ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे में दबे हैं. गाजा का कहना है कि उसके यहां नागरिक मारे गए हैं जबकि इजरायल का कहना है कि उसने लड़ाकों को मारा है.


आधे लोगों ने छोड़ा घर


इजरायल पर किए गए हमले के ठीक एक महीने बाद 7 नवंबर को इजरायल ने गाजा पर दोबारा हमलों की एक लहर शुरू की. एक महीने में गाजा तकरीबन मलबे के ढेर में बदल चुका है. गाजा की 23 लाख आबादी में आधे से ज्यादा आबादी ने अपने घर छोड़ दिए हैं. कई लोगों ने इजरायल के कहने पर दक्षिणी हिस्से का रुख किया है. लेकिन वहां भी बमबारी हो रही है.