इजरायल में मारी गईं भारतीय मूल की दो सुरक्षाकर्मी, अफसरों ने की तस्दीक
इजरायल हमास के दरमियान जारी जंग में अब तक 3 हजार के करीब लोग मारे गए हैं. यहां पर भारतीय मूल के दो इजरायली सिक्योरिटी फोर्सेज मारे गए हैं.
इस महीने की शुरुआत में हमास की तरफ से किए गए हमले में भारतीय मूल की कम से कम दो इजरायली महिला सुरक्षा अधिकारी मारी गईं. इजरायल के आधिकारिक सूत्रों ने इसकी तस्दीक की. अफसरों ने तस्दीक की कि 7 अक्टूबर को हुए हमले में अशदोद के होम फ्रंट कमांड के कमांडर 22 साला लेफ्टिनेंट ऑर मोसेस और पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के सीमा पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर किम डोकरकर मारे गए. बताया जाता है कि ये दोनों जंग में ड्यूटी के दौरान मारे गए थे.
286 जवान हलाक
सेना के अफसरों के मुताबिक, जंग में अब तक सेना के 286 जवान और 51 पुलिस अफसर मारे गए हैं. समुदाय के कई सदस्यों के मुताबिक और भी पीड़ित हो सकते हैं, क्योंकि इजराइल मृतकों की पहचान की तस्दीक कर रहा है और लापता या संभवत: किडनौप लोगों की तलाश कर रहा है.
3 हजार लोग मारे गए
आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर मिसाइस से हमला किया. इस हमले में सैकड़ों इजराइली मारे गए. इसके बाद इजरायल ने हमास पर जवाबी कार्रवाई की. इसके बाद दोनों में जंग जारी हो गई है. दोनों तरफ के हमले में 3 हजार के करीब लोग मारे गए हैं. 3 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. जंग की वजह से गाजा पट्टी में बिजली, पानी और चिकित्सकीय चीजों की कमी हो गई है, जिससे यहां पर लोगों को दिक्कतों का सामना है.
गाजा को मदद
अब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा में त्वरित और निर्बाध मानवीय सहायता पहुंचाने और हमास द्वारा रखे गए बंधकों की रिहाई का आह्वान किया है. उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा," मध्य पूर्व में इस संकट के समय संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में मजबूत मानवीय अपील करना मेरा कर्तव्य है." उन्होंने कहा, "हमास की ओर से बंधक बनाए गए लोगों को बिना किसी शर्त के तुरंत रिहा किया जाना चाहिए; इज़राइल को, गाजा में नागरिकों मानवीय आपूर्ति त्वरित और निर्बाध पहुंच प्रदान की जानी चाहिए."