अमेरिकी कोर्ट में तालिबान की बड़ी जीत; 9/11 के पीड़ितों को लगा धक्का
9/11 victims not entitled to Afghan assets:एक अमेरिकी अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि 9/11 के आतंकवादी हमलों के पीड़ित अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक की 3.5 अरब डॉलर की संपत्ति को जब्त करने के हकदार नहीं हैं.
न्यूयॉर्कः एक अमेरिकी अदालत के न्यायाधीश ने एक फैसले में कहा है कि 9/11 के आतंकवादी हमलों के पीड़ित अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक की 3.5 अरब डॉलर की संपत्ति को जब्त करने के हकदार नहीं हैं. इस तरह से ये फैसला तालिबान सरकार के हक में है और इस फैसले से उसकी बड़ी जीत हुई है.
एनएनसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने 30 पन्नों के फैसले में, न्यायाधीश जॉर्ज डेनियल्स ने कहा है कि वह संवैधानिक रूप से फंड तक पहुंच को मंजूरी देने से प्रतिबंधित है, क्योंकि अमेरिकी कोर्ट अगर ऐसा करती है तो इससे यह साबित होगा कि तालिबान अफगानिस्तान की वैध सरकार है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने तालिबान को अभी तक अफगानिस्तान के सरकार के तौर पर मान्यता नहीं दी, जिसका अर्थ है कि अमेरिकी अदालतों के पास ऐसा करने की शक्ति नहीं है.
डेनियल ने कहा, “9/11 के हमलों के लिए सिर्फ तालिबान की जिम्मेदारी के लिए भुगतान करना होगा, न कि अफगान सरकार की और न ही वहां के लोगों की.“
गौरतलब है कि 2001 में हमलों के वक्त, तालिबान ने अल कायदा के आतंकवादियों को अफगानिस्तान से संचालित करने की इजाजत दी थी.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जज का फैसला उन लोगों के लिए हार है, जिन्होंने न्यूयॉर्क में फेडरल रिजर्व बैंक में अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के 7 अरब डॉलर के फंड पर दावा किया था.
पीड़ितों के मुआवजे के लिए दलील देने वाले वकील ली वोलोस्की ने कहा, “यह फैसला 9/11 समुदाय के 10,000 से ज्यादा सदस्यों को तालिबान से मुआवजा लेने के उनके अधिकार से वंचित करता है. हम मानते हैं कि यह गलत फैसला लिया गया है, हम आगे अपील करेंगे.’’
गौरतलब है कि 9/11 के आत्मघाती विमान हमलों ने 2,977 लोगों की जान ले ली थी. इस हमले के बाद ही अमेरिका ने अफगानिस्तान पर तालिबान सरकार के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर उसे सत्ता से अपदस्थ कर अमेरिका समर्थित सरकार बनाई थी.
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