काबुलः  अफगानिस्तान सरकार के अफसरों ने खबर दी है की तालिबान के काबुल में दाखिल होने और ज़्यादातर हिस्सों पर कब्ज़ा कर लेने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मुल्क छोड़ दिया है. इससे पहले एक अफसर ने बताया कि तालिबान के वार्ताकार सत्ता के ‘‘हस्तांतरण’’ की तैयारी के लिए राष्ट्रपति भवन में वार्ता कर रहे हैं. खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया कि राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला इस प्रक्रिया में मध्यस्थता कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, रविवार को नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली को चुना गया है. हालाँकि आधिकारिक तौर पर इस ब्यान की तस्दीक नहीं की गई है. इससे पहले अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर इतवार को कहा कि इस मुलाकात का उद्देश्य तालिबान को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपना है. तालिबान ने कहा कि उनकी ताकत के बल पर सत्ता लेने की योजना नहीं है. वह शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण चाहते हैं. तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कतर के अल-जजीरा अंग्रेजी उपग्रह समाचार चैनल को बताया कि चरमपंथी ‘‘काबुल शहर के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं.’’ उन्होंने अपने लड़ाकों और सरकार के बीच किसी भी संभावित वार्ता की जानकारी देने से इनकार कर दिया. हालांकि यह पूछने पर कि तालिबान किस तरह का समझौता चाहता है, इस पर शाहीन ने माना कि वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण कर दें. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सत्ता हस्तांतरण कब होगा.


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अकेले पड़ गए राष्ट्रपति अशरफ गनी
राष्ट्रपति अशरफ गनी भी अलग-थलग पड़ते दिखाई दिए. उन्होंने तालिबान का आक्रमण शुरू होने के बाद से पहली बार रविवार को देश को खिताब किया था.  उन्होंने कुछ दिनों पहले जिन छत्रपों से बात की थी उन्होंने तालिबान के सामने हथियार डाल दिए या भाग गए जिससे गनी के पास सेना का समर्थन नहीं बचा.दो क्षेत्रीय सैन्य प्रमुख अत्ता मोहम्मद नूर और अब्दुल राशिद दोस्तम शनिचर को उज्बेकिस्तान भाग गए. नूर ने ट्विटर पर लिखा कि उत्तरी क्षेत्र का तालिबान पर कब्जा होना एक साजिश है. इस बीच खबर है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है. 


नागरिकों को नुकसान न पहुंचाने का आश्वासन 


इस बीच, आंतरिक और विदेश मामलों के कार्यवाहक मंत्रियों अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने अलग-अलग वीडियो क्लिप में आश्वासन दिया कि काबुल के लोगों को सुरक्षित किया जाएगा क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ शहर की रक्षा कर रहे हैं. मिर्जाकवाल ने कहा कि काबुल पर हमला नहीं किया जाएगा. मिर्जाकवाल ने काबुल निवासियों को आश्वासन दिया कि सुरक्षा बल शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. तालिबान ने राजधानी के निवासियों को शांत करने की कोशिश की. चरमपंथियों ने एक बयान में कहा, ‘‘किसी के भी जीवन, संपत्ति और प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा अैर काबुल के नागरिकों की जान खतरे में नहीं डाल जाएगी.’’ उनके लड़ाके लोगों के घरों में नहीं घुसेंगे या कारोबार में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने उन लोगों को ‘‘क्षमादान’’ भी दिया है जिन्होंने अफगान सरकार या विदेशी बलों के साथ काम किया. 


देश छोड़कर भागने की फिराक में नागरिक 
इन वादों के बावजूद जो लोग टिकट खरीदने में सक्षम थे वे काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंच गए हैं. ाबराए लोग काबुल हवाईअड्डे के जरिए देश छोड़ने की तैयारी में है. तालिबान के हर सीमा चैकी पर कब्जा जमाने के कारण देश से बाहर जाने का यही एक मार्ग बचा है. पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने स्थानीय प्रसारणकर्ता जियो टीवी को बताया कि पाकिस्तान ने सीमा पार यातायात को रोक दिया है. 


बैंकों और एटीएम पर लाइनें, व्यवस्था हुआ ठप्प 
हजारों नागरिक अब काबुल में पार्कों और खुले मैदानों में रह रहे हैं और उन्हें डर है कि तालिबान सरकार फिर से क्रूर शासन लागू कर सकती है जिससे महिलाओं के सभी अधिकार खत्म हो जाएंगे. सैकड़ों लोगों के अपने जीवनभर की कमायी निकालने के लिए निजी बैंकों के सामने एकत्रित होने पर कुछ एटीएम मशीनों ने काम करना बंद कर दिया है.


अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन


इस बीच अमेरिका ने भी अपने नागरिकों को काबुल से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. चरमपंथियों के जलालाबाद पर कब्जा जमाने के कुछ घंटों बाद बोइंग सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिका दूतावास के समीप उतरने लगे. अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई. हालांकि अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है. दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है.


राजधानी काबुल में हर तरफ तालिबान 
तालिबान ने हर तरफ से आज अफगान राजधानी काबुल में प्रवेश किया. इस दौरान उन्होंने बहुत कम ही प्रतिरोध का सामना करना पड़ा.  टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने अब अपने सदस्यों को काबुल गेट के पास इंतजार करने और शहर में प्रवेश करने का प्रयास नहीं करने का आदेश दिया है.इस बीच, रूस, अफगानिस्तान के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाने पर काम कर रहा है. अफगानिस्तान के लिए रूसी विशेष राष्ट्रपति के प्रतिनिधि ज़मीर काबुलोव ने इतवार  को कहा, "हम बैठक बुलाएंगे, लेकिन इससे स्थिति नहीं बदलेगी, हमें इसके बारे में पहले सोचना चाहिए था और अब बैठक नहीं करनी चाहिए."


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