इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील की है कि वे 7 अक्टूबर से हमास की तरफ से बंदी बनाए गए अपने-अपने देशों के नागरिकों को रिहा करने के लिए हमास से बात करें. नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से विशेष रूप से नोआ अरगमानी की रिहाई के लिए अपील की है, जिनकी मां लियोरा चीन से हैं और कैंसर की मरीज हैं.


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चीन करे हस्तक्षेप
इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने इजरायल में चीनी राजदूत कै रन के जरिए से राष्ट्रपति शी से अपील की है कि वह लियोरा की ओर से बात करें, ताकि वह (लियोरा) मरने से पहले अपनी बेटी से मिल सकें. बयान के अनुसार, नेतन्याहू ने कै को सूचित किया है कि मां अपनी बेटी को आखिरी बार देखना चाहती हैं और शी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करती हैं.


हमास की कैद में हैं इजरायली
इजरायली प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की है और उनसे गाजा पट्टी में हमास और अन्य आतंकवादी संगठनों की तरफ से बंदी बनाए गए रूसी नागरिकों की ओर से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. गौरतलब है कि पुतिन का ईरान सरकार के साथ अच्छा तालमेल है, जिस पर हमास और हिजबुल्लाह आतंकी संगठनों को समर्थन देने का इल्जाम है.


मारे गए 20 हजार लोग
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि पहले उन्होंने पुतिन से अनुरोध किया था और उस पर सकारात्मक परिणाम भी आए. गौरतलब है कि इजराइल गाजा पट्टी में हमास के साथ भीषण युद्ध में उलझा हुआ है, जहां अब तक करीब 8,000 हमास लड़ाकों समेत 20,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. 7 अक्टूबर को हमास के लोगों के दक्षिण इज़राइल में घुसने के बाद 240 लोगों का अपहरण कर लिया गया था. हालांकि, 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक एक हफ्ते के युद्ध विराम के दौरान 105 बंधकों को रिहा कर दिया गया था. बंधकों और लापता परिवारों का मंच इजराइल सरकार पर दबाव बढ़ा रहा है कि वह कैद में रखे गए सभी लोगों की रिहाई के लिए समझौता करने की कोशिश करें.


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