ओटावाः कनाडा के लिबरल सांसद समीर जुबेरी ने प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के कैबिनेट से 10,000 उइगर और अन्य तुर्क समूहों के लिए अपने देश में  शरणार्थी शिविर बनाने का प्रस्ताव पास करने का आग्रह किया है. जुबेरी ने कहा, “हम इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. क्षेत्र में अन्य अल्पसंख्यकों के साथ उइगरों को भी चीनी सरकार द्वारा मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का सामना करना पड़ा है.“
ज़ुबेरी का यह प्रस्ताव कनाडा की संसद की 2021 की घोषणा से प्रेरित है, जिसमें कहा गया था कि चीन उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों का नरसंहार कर रहा है. इसमें देश के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता विभाग को कनाडा में 10,000 उइगर और अन्य तुर्क मुसलमानों को सुरक्षा देने की  आवश्यकता पर बल दिया गया था.
कई अधिकार समूहों और मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि चीनी सरकार ने शिनजियांग की मुस्लिम उइगर आबादी के साथ-साथ अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है. 
चीन के आलोचकों का कहना है कि जबरन श्रम और दूसरे प्रांतों में काम करने के लिए जबरन पुनर्वास शिनजियांग में नियंत्रण स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा निर्देशित प्रयास का नवीनतम हिस्सा है.  


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बुधवार को इस मुद्दे पर होना है वोट 
कनाडा में हाउस ऑफ कॉमन्स में बुधवार को मोशन एम-62 पर वोट होना है और जुबेरी कैबिनेट मंत्रियों से इसका समर्थन करने का आग्रह कर रहे हैं. सांसद ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि कैबिनेट उइगरों को फिर से बसाने के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करे.“ “क्या मायने रखता है कि पूर्व संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त, मिशेल बाचेलेट ने निर्धारित किया है कि उइगर के साथ जो हो रहा है वह मानवता के खिलाफ अपराध हो सकता है. एक बार जब मानवता के खिलाफ अपराधों की संभावना होती है, तो सिद्धांत की रक्षा करने की जिम्मेदारी भी बन जाती है. इसका मतलब है कि कनाडा जैसे देश, जो नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देते हैं, को मानवाधिकारों की चिंताओं को दूर करने के लिए भरसक प्रयास करना होगा.’’ 

कनाडा मानता है कि चीन में उइगरों के साथ हो रहा है भेदभाव 
खास तौर से हाल ही में मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त बाचेलेट ने पिछले साल चीन के झिंजियांग प्रांत का दौरा किया था, और पिछले अगस्त से उनके कार्यालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने इस क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के खिलाफ गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है, जो मानवता के खिलाफ अपराध है. कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स द्वारा यह घोषणा करते हुए लगभग दो साल हो गए हैं कि उइगर और अन्य तुर्क अल्पसंख्यकों के साथ चीन का व्यवहार उसके नरसंहार की तरफ इशारा करता है. 


दस लाख उइगर झेल रहे हैं यातना 
संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, बेल्जियम, फ्रांस, लिथुआनिया, चेक गणराज्य और आयरलैंड में अमेरिकी सरकार और विधायी निकायों ने भी इसी तरह के निर्धारण किए हैं. मानवाधिकार समूहों का अनुमान है कि वर्तमान में दस लाख से ज्यादा उइगरों को जेल जैसे शिक्षा शिविरों में रखा गया है, जिसे बीजिंग 'पुनः शिक्षा शिविर' कहता है. 2016 के बाद से अधिकांश उइगर और अन्य तुर्क समुदाय तुर्की, मिस्र, पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे मुस्लिम बहुल देशों में भाग गए हैं. वर्तमान में वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के सद्र मोशन-62 के लिए कनाडा जा रहे हैं जिसे फ्रेंड्स ऑफ कनाडा-इंडिया फाउंडेशन की हिमायत हासिल है. 


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