Ramzan 2023: रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है. दुनियाभर के मुसलमान रोजा रख रहे हैं. ऐसे में चीन में उईगर मुसलमानों को रोजा रखने पर पाबंदी है. न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक चीन की सरकार ने उईगर मुसलमानों से कहा है कि वह अपने बच्चों को रोजा न रखने दें. मकामी अधिकार समूह का कहना है कि कई बच्चों से अधिकारियों ने पूछा है कि उनके मां बाप रोजा तो नहीं रख रहे हैं. 


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कट्टरता खत्म करना चाहती है सरकार


विश्व उईगर कांग्रेस के प्रवक्ता दिलशात ऋषित ने बताया कि रमजान के दौरान अधिकारी शिनजियांग के 1,811 गांवों में चौबीसों घंटे निगरानी करते हैं. इसमें उईगर परिवारों के घर का निरीक्षण किया जाता है. चीन का कहना है कि वह मुसलमानों के अंदर से कट्टरता को खत्म करना चाह रहा है इसलिए जरूरी सुधार कर रहा है. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह खतरा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी हुई मुस्लिम जाति की 11.4 मिलियन आबादी को धार्मिक नियम के मुताबिक खत्म कर दे.


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गैर मुस्लिम परंपराओं को अपनाने का दबाव


नेटवर्क ऑफ चाइनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स (CHRD) समेत मानवाधिकार समूह का कहना है कि चीन इन धार्मिक लोगों को अपने लिए खतरा मानता है. इसलिए इनसे कड़े नियमों से डील करता है. चीन ने "जातीय एकता" अभियान के तहत उईगर मुसलमानों को निशाना बनाया है. इसके तहत अधिकारी उइगर मुसलमानों पर सूअर का मांस खाने सहित गैर-मुस्लिम परंपराओं का पालन करने का दबाव डालते हैं.


हर तर की स्वतंत्रता पर पाबंदी


अमेरिका की 2022 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेज रिपोर्ट के मुताबिक उइगर मुसलमानों पर काफी जुल्म होता है. उनकी जबरन नसबंदी कराई जाती है. जबरन गर्भपात कराया जाता है. देश की जन्म नियंत्रण नीतियों का पालन कराया जाता है. उइगर मुसलमानों को हिरासत में लेकर उनको यातनाएं दी जाती हैं. उइगर मुसलमानों के धर्म की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आंदोलन की सवतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.


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