Pakistan China Relations: चीन और पाकिस्तान काफी अच्छे दोस्त हैं. इन दिनों पाकिस्तान बुरे दौर से गुजर रहा है, लेकिन चीन उसकी मदद नहीं कर पा रहा है. इसकी कई वजहें हैं. चीन पाकिस्तान के बारे में कहता रहा है कि वह उसका छोटा भाई है. साल 2013 में चीन ने पाकिस्तान में बेल्ट एंड रोड एनीशिएटिव शुरू किया था. उम्मीद की जा रही थी कि इससे पाकिस्तान की किस्मत बदलेगी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. पाकिस्तान और बर्बादी की तरफ पहुंच गया.


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चीन ने किया सिंगापुर में निवेश


1970 के दशक में चीन और सिंगापुर के रिश्ते कायम हुए थे. इसके बाद से चीन ने यहां काफी निवेश किया है. दोनों देशों के दरमियान व्यापारिक रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं. BRI वन बेल्ट वन रोड के जरिए सिंगापुर में 2014 में चीनी निवेश बढ़ा. माना जा रहा था कि चीनी निवेश से पाकिस्तान की भी किस्मत बदलेगी लेकिन ऐसा कुछ होता दिखा नहीं. इसकी वजह है कि सिंगापुर और पाकिस्तान में काफी असमानता है. इसीलिए चीन पीछे हट गया. 


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चीनी नहीं कर पाते भरोसा


जानकारों की मानें तो सिंगापुर शांत देश है जबकि पाकिस्तान आतंकवाद की वजह से अशांत है. यहां चीनी मजदूरों को 10 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी सुरक्षा देते हैं. ईशनिंदा के चलते यहां अक्सर हत्याएं होती रहती हैं. इसी वजह से चीनी नागरिक पाकिस्तानियों पर भरोसा नहीं कर पाते हैं.


सिंगापुर में हैं कुशल लोग


जानकार बताते हैं कि सिंगापुर में कानून सख्त हैं जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है. पाकिस्तान में कम-भरोसेमंद कारोबारी माहौल के बीच चीनी कंपनियां पाकिस्तान सरकार पर भरोसा ही नहीं कर पाती हैं. सिंगापुर में तकनीकि रूप से लोग स्ट्रांग हैं लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है. इसीलिए चीन ने पाकिस्तान से जो वादा किया था वह वादा ही रहा.


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