मेहुल चोकसी को डोमिनिका हाई कोर्ट से झटका, अदालत ने जमानत देने से किया इनकार
दरअसल अदालत ने चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही अदालत ने मेहुल चोकसी को फ्लाइट रिस्क माना है.
नई दिल्ली: भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को डोमिनिका हाई कोर्ट (Dominika High Court) की तरफ से भारी झटका लगा है. दरअसल अदालत ने चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही अदालत ने मेहुल चोकसी को फ्लाइट रिस्क माना है.
खबरों के मुताबिक अदालत ने कहा कि मेहुल चोकसी का डोमिनिका से कोई रिश्ता नहीं है और अदालत ऐसी कोई शर्त नहीं लगा सकती है जो आश्वस्त करे कि वह फरार नहीं होगा. अदालत की जानिब से अर्जी खारिज होने के बाद अब भगोड़े कारोबारी कोो जेल की सलाखों के पीछे दिन बिताना पड़ेगा.
एक खबर के मुताबिक स्थानीय मीडिया ने बताया कि 62 वर्षीय चोकसी सोमवार को फिर से अदालत के सामने पेश होगा. उस पर डोमिनिका में गैर कानूनी तौर पर घुसने का इल्ज़ाम है. चोकसी ने इल्ज़ामात को खारिज किया है और दावा किया है कि उसका किडनैप किया गया था और जबरन लाया गया है.
चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आने से कुछ सप्ताह पहले ही देश से फरार हो गया था. मामले में चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी की कथित संलिप्तता का खुलासा हुआ था. चोकसी (62) के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया. वह 23 मई को रहस्यमयी परिस्थिति में एंटीगुआ और बारबुडा से गायब हो गया. भारत से भागने के बाद यहां वह बतौर नागरिक 2018 से रह रहा था.
चोकसी को अपनी कथित प्रेमिका के साथ पड़ोसी द्वीपीय देश डोमिनिका में गैर कानूनी तौर पर घुसने के आरोप में हिरासत में लिया गया. चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया कि एंटीगुआई और भारतीय जैसे दिखने वाले पुलिसकर्मियों ने एंटीगुआ में जोली हार्बर से उसका अपहरण किया और नौका से डोमिनिका ले गये.
बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन के आदेश पर चोकसी को अवैध प्रवेश के आरोपों का जवाब देने के लिए रोसियू मजिस्ट्रेटी अदालत में पेश किया गया, जहां उसने अपना गुनाह कबूल नहीं किया. अदालत ने अपने आदेश में उसे जमानत देने से इनकार कर दिया.
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