दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हर्षोल्लास से मनाया गया ईद का त्योहार; सूडान, तुर्की और सीरिया में ग़म का माहौल
Eid 2023: दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में शुक्रवार को ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन कुछ देश ऐसी भी हैं, जहां ईद के दिन भी लोगों के दिल उदास हैं. सूडान, तुर्की और सीरिया में ग़म का माहौल है.
Eid 2023: दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में शुक्रवार को ईद-उल-फित्र के मौके पर मुसलमानों ने इबादत की और जश्न मनाया, हालांकि मुस्लिम बहुल देश सूडान में हिंसा भड़कने की वजह से ईद के रंग में भंग पड़ गया जबकि दूसरे देशों में बेहतर भविष्य की उम्मीदों के बीच ईद का त्योहार मनाया गया. रमजान में रोजे रखने के बाद ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जाता है. इस मौके पर घरों में खास तरह के खाने बनते हैं और लोग एक दूसरे के घर जाकर उन्हें मुबारकबाद देते हैं. ईद-उल-फितर का त्योहार चांद दिखने पर मनाया जाता है. अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दिन या समय पर ईद का चांद दिखाई देता है.
कई देशों में फीकी रही ईद
सूडान की राजधानी खार्तूम में ईद के दिन भी बमबारी जारी रही, जिसकी वजह से त्योहार की खुशियां फीकी पड़ गईं. अफ्रीकी देश सूडान में पिछले हफ्ते हिंसा भड़क गई थी, जिसके चलते लोगों को ईद के दिन भी घरों में कैद रहना पड़ा. ईद के मौके पर भी लोग खाने-पीने के सामान की किल्लत का सामना कर रहे हैं. हिंसा में सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग जख्मी हुए हैं. वहीं यरूशलम में, हजारों मुसलमान इस्लाम के अनुसार तीसरे सबसे पवित्र स्थल अल-अकसा मस्जिद में जमा हुए, जहां पिछले महीने फलस्तीनियों और इजराइली अधिकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं. मस्जिद के पास ही यहूदी समुदाय का सबसे पवित्र स्थल वेलिंग वॉल भी स्थित है. सीरिया की राजधानी दमिश्क, ईराक की राजधानी बगदाद और लेबनान की राजधानी बेरूत में भी लोगों ने मस्जिदों और मदरसों में नमाज अदा की.
अरब देशों में मनाई गई ईद
इस साल, सऊदी अरब और कई अन्य अरब देशों ने शुक्रवार को ईद मनाई जबकि ईरान, पाकिस्तान और इंडोनेशिया में शनिवार को त्योहार मनाया जाएगा. यमन में सऊदी अरब और ईरान के बीच सुलह से गृह युद्ध का खात्मा होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. 2014 में यमन में सऊदी अरब और ईरान के बीच जंग छिड़ गई थी, जिसके चलते यह गरीब देश अलग-थलग पड़ गया. सऊदी अधिकरियों और ईरान के हामी हूती बागियों के बीच हाल में यमन की राजधानी सना में बातचीत शुरू हुई है. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 35 साल के अब्दुल मतीन ने कहा, "मैं चाहता हूं कि सुरक्षा के अलावा हमारे पास अच्छी आमदनी और अच्छी नौकरियां हों. लोग इस मुश्किल समय में अपनी जरूरतों का सामान भी नहीं खरीद पा रहे. वहीं तुर्किये और सीरिया में छह फरवरी को 7.8 तीव्रता की तबाही वाले भूकंप में 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई, लिहाजा दोनों देशों में अपनों को खोने वाले लोग हर बार की तरह इस बार ईद का जश्न नहीं मना पाए.
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