फातिमा पैमान: ऑस्ट्रेलियाई सीनेट में पहली हिजाबी मुस्लिम महिला, कौन हैं ये सीनेटर?
Fatima Payman: ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के अनुसार, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ की 27 वर्षीय फातिमा पैमान सीनेट की पहली हिजाब पहनने वाली मुस्लिम सदस्य हैं.
केंबरा: ऑस्ट्रेलिया के संसदीय तारीख में पहली बार, एक अफगान मूल अप्रवासी मुस्लिम महिला फातिमा पैमान को ऑस्ट्रेलियाई सीनेट के लिए चुना गया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री एंथोनी अल्बानीज ने ट्वीट कर फातिमा पैमान को सीनेट का सदस्य बनने पर मुबारकबाद पेश की.
इससे पहले 20 जून को ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग ने घोषणा की कि फातिमा पैमान ने सीनेट का चुनाव जीत लिया है. फातिमा पैमान को ऑस्ट्रेलिया में अफगान दूतावास ने भी सीनेट के सदस्य के रूप में उनके चुनाव पर बधाई दी.
ऑस्ट्रेलिया में अफगान दूतावास ने किया ट्वीट
कौन हैं फातिमा पैमान
ऑस्ट्रेलियाई सीनेट के लिए चुनाव लड़ने से पहले, फातिमा पैमान ने लेबर पार्टी की वेबसाइट पर अपने परिचय में लिखा: "मेरा नाम फातिमा पैमान है. मैं अफगान मूल की एक ऑस्ट्रेलियाई मुस्लिम हूं और मेरी सांस्कृतिक जड़ें अफगानिस्तान से हैं" मैं अपने माता-पिता के चार बच्चों में सबसे बड़ी हूं. ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी शहर पर्थ में पली बढ़ी.
आठ साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया आई थीं फातिमा
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के अनुसार, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ की 27 वर्षीय फातिमा पैमान सीनेट की पहली हिजाब पहनने वाली मुस्लिम सदस्य हैं. जानकारी के मुताबिक, फातिमा पेमन आठ साल की थीं जब वह अपनी मां और छोटे भाई-बहनों के साथ ऑस्ट्रेलिया आई थीं. उसके पिता ऑस्ट्रेलिया में शरणार्थी के रूप में काम करते थे.
साल 2019 में सर से बाप का साया उठ गया
फातिमा पैमान का कहना है कि उन्होंने अपने पिता से कड़ी मेहनत करना और साबित कदम रहना सीखा है. उन्होंने कहा, "2019 में मेरे पिता की कैंसर से मृत्यु के बाद से, मैं अपने पिता जैसे लोगों और मेहनती ऑस्ट्रेलियाई आदमियों तक पहुंचा हूं, जो जीवनयापन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.'
हाई स्कूल के छात्रों को पढ़ाती थीं फातिमा
सीनेट के सदस्य के रूप में अपने चुनाव से पहले, फातिमा पैमान ने हाई स्कूल के छात्रों को पढ़ाया और एक चैरिटी के लिए स्वेच्छा से काम किया. उन्होंने युवा और पुलिस कौशल विकास केंद्र के लिए भी काम किया है.
1999 में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे पिता
फातिमा पैमान ने ऑस्ट्रेलियाई रेडियो स्टेशन एबीसी को बताया कि उनके पिता ने 1999 में नाव से हिंद महासागर को पार किया था और अपनी पत्नी और बच्चों को बेहतर जीवन देने के लिए शरणार्थी के रूप में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे.
दुनियाभर में मिल रही मुबारकबादी
ऑस्ट्रेलियाई सीनेट का सदस्य चुनने जाने पर जहां उनको अफगानिस्तान और दूसरी मुस्लिम दुनिया की तरफ से मुबारकबादी पेश की जा रही है, वहीं उन्हें ऑस्ट्रेलिया में उनकी लेबर पार्टी के नेताओं की तरफ से भी बधाई जा रही है. फातिमा के ही शहर पर्थ से लेबर पार्टी के सदस्य पैट्रिक गोर्मन ने कहा, मुझे बहुत फख्र है कि हमारा राज्य कैनबरा में हमारा प्रतिनिधित्व करने के लिए फातिमा को भेज रहा है. सीनेटर-चुने गए Payman अफगानिस्तान से सांस्कृतिक जड़ों वाला एक ऑस्ट्रेलियाई मुस्लिम है, चार बच्चों में सबसे बड़ा और श्रमिकों के लिए एक मजबूत वकील.'
पूर्व अफगान उप विदेश मंत्री ने भी दी बधाई
अफगानिस्तान के पूर्व उप विदेश मंत्री महमूद सैकल ने ट्वीट किया: "काबुल की एक युवा शरणार्थी फातिमा पैमान ने तालिबान के क्रूर शासन के दौरान ऑस्ट्रेलियाई सीनेट में शामिल हुई हैं, जहां अफगान महिलाएं और लड़कियां नौकरी और शिक्षा से वंचित हैं. फातिमा ने सीनेट जीती है. बधाई सीनेटर Payman. आप सौभाग्यशाली हों.'
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