Gurpatwant Pannun murder Plot: रूस ने गुरुवार को खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश में भारतीय अधिकारियों के मिले होने के अमेरिका के दावों को खारिज कर दिया है. इसके साथ रूस ने कहा है कि वाशिंगटन ने अब तक कोई "विश्वसनीय जानकारी" या "सबूत" नहीं दिया है.


रूस ने क्या कहा?


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रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने आरोप लगाया कि अमेरिका भारत के अंदर चल रहे राजनैतिक हालात को अनबैलेंस करना चाहता है. ताकि आम चुनावों को जटिल बनाया जा सके. ज़खारोवा ने एक संबोधन के दौरान कहा, “वाशिंगटन में भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास की सरल समझ का अभाव है, क्योंकि अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में निराधार आरोप लगाता रहता है. वाशिंगटन की कार्रवाई स्पष्ट रूप से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है... जहां तक अटकलों का सवाल है, चूंकि कोई सबूत नहीं है, इसलिए यह स्वीकार्य नहीं है... वे एक राज्य के रूप में भारत का सम्मान नहीं कर रहे हैं.'' 


इसके साथ ही रूस के अधिकारी ने अमेरिका पर कई देशों पर गलत इल्जाम आयद करने का भी इल्जाम लगाया. उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय मामलों में वाशिंगटन से अधिक दमनकारी शासन की कल्पना करना मुश्किल है." 


क्या था अमेरिका का इल्जाम


बता दें, पिछले साल नवंबर में, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम करने का आरोप लगाया था. पिछले महीने, द वाशिंगटन पोस्ट ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए, पन्नून को मारने की कथित साजिश के संबंध में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के एक अधिकारी का नाम लिया था.


भारत में वांछित है पन्नू


आतंकवाद के आरोप में भारत में वांछित पन्नून के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया हैय