Imran Khan will be arrest: पीटीआई के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द गिरफ्तार हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि तोशा खाना मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी की खबर जल्द सामने आएगी. इमरान खान को सभी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा. पाक मीडिया के मुताबिक इस्लामाबाद पुलिस की एक टीम इमरान खान की गिरफ्तारी के वारंट के साथ लाहौर पहुंची. 


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28 फरवरी को इस्लामाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने तोशा खाना मामले में पेश नहीं होने पर इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. एसपी सिटी इस्लामाबाद हुसैन ताहिर के नेतृत्व में टीम लाहौर पहुंची. इस्लामाबाद पुलिस ने लाहौर पुलिस की मदद के लिए आवेदन दिया है. बताया जा रहा है कि इमरान खान इस वक्त जमां पार्क में हैं. पीटीआई कार्यकर्ता भी जमां पार्क पहुंचने लगे, इमरान खान के आवास के अंदर पीटीआई कार्यकर्ताओं ने पुलिस को नहीं जाने दिया. 


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वहीं केंद्रीय सूचना मंत्री और नवाज शरीफ की बेटी मरियम औरंगजेब का कहना है कि इमरान खान चाहे रोएं या चिल्लाएं, कोई भी उनके साथ समझौता करने को तैयार नहीं है. इमरान खान की 'शासन हटाने वाली', 'आयातित सरकार' और खुद पर 'आक्रमण' करने वाले भी समझौता करेंगे. हर कोई समझौता नहीं की बात करता है, एनआरओ की वकालत करता है. सूचना मंत्री के मुताबिक, इमरान खान समझौते की बात इसलिए कर रहे हैं ताकि हीरे, 190 मिलियन पाउंड और अल-कादिर ट्रस्ट के ट्रस्टी को जवाब न देना पड़े.


बिगड़ेंगे हालात:
इस मामले पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता फवाद चौधरी का कहना है कि इमरान खान को गिरफ्तार करने की किसी भी कोशिश से हालात गंभीर रूप से बिगड़ जाएंगे. एक बयान में फवाद चौधरी ने कहा कि मैं इस पाकिस्तान विरोधी सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं. फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को और संकट में न डालें और समझदारी से काम लें.


क्या है तोशाखाना केस?


पिछले साल अगस्त में चुनाव आयोग में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के एक सांसद के अनुरोध पर, स्पीकर नेशनल असेंबली राजा परवेज अशरफ ने इमरान खान की अयोग्यता के लिए चुनाव आयोग को एक संदर्भ भेजा. इस संदर्भ में कहा गया था कि 'इमरान खान ने तोशा खाना से लिए गए तोहफे और इन तोहफों की बिक्री से मिले पैसों को अपनी संपत्ति में विस्तार से नहीं बताया.' इमरान खान ने दो साल तक चुनाव आयोग को सौंपे गए अपने वार्षिक रिटर्न में मित्र देशों से मिले महंगे तोहफों का खुलासा नहीं किया था और इन उपहारों का खुलासा उस समय सिर्फ साल 2020-21 के रिटर्न में किया गया था. इसके अलावा उन्होंने उन करोंड़ों-अरबों रुपये के तोहफों के सस्ती कीमतों में बेचा और उसकी रकम खुद हड़पने का आरोप है. 


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