India-Pakistan Target Killing: ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' द्वारा किए गए दावे के बाद से ही पाकिस्तान में खलबली मच गई है. दरअसल, इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी के द्वारा पाकिस्तान समेत दुनिया के तमाम देशों में जो भारत के दुश्मन रह रहे हैं, या जो भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, उन्हें एक-एक करके भारतीय खुफिया एजेंसियों के द्वारा खत्म किया जा रहा है. इस रिपोर्ट में हालांकि लोग कई तरह का कमियों को साफ तौर पर उजागर कर रहे हैं. वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस रिपोर्ट को एक एजेंडा करार दिया जा रहा है. विदेश मंत्रालय की तरफ से इस रिपोरट को नकार दिया गया है.


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ऐसे में न्यूज पेपर के इस दावे को भारत सरकार ने सिरे से रद्द कर दिया है और इसे 'झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी कैंपेन' बताया है. वहीं, पाकिस्तान के द्वारा इस रिपोर्ट के दावों पर मची अफरा-तफरी को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं कि कहीं ये कत्ल मुमकिना तौर पर पाकिस्तान द्वारा तो नहीं कराए गए थे. वहीं, दूसरी तरफ भारत की सियासी कयादत इस बात को कहती रही है कि अब वह पहले वाला भारत नहीं है, जो अपने साथ हुए बुरे रवैये को बर्दाश्त करेगा. वह अपने यहां हुई किसी भी दहशतगर्दाना घटना का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और आगे भी देगा. सरकार के सीनियर सियासी लीडर कई स्टेज से PoK में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए दावा करते रहे हैं कि अब भारत घर में घुसकर मारता भी है.


 


अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में पुलवामा दहशतगर्दाना हमले के बाद भारत ने अपनी कौमी सलामती के लिए एक ताकतवर कदम उठाया. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, 2020 से अब तक भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले 20 दहशतगर्दों के कत्ल नामालूम हमलावरों के जरिए किये गए हैं. पाकिस्तान अब तक जो दावा कर रहा है, वह अखबार की रिपोर्ट में भी दिख रहा है. जिसे देखकर वह गदगद है और पाकिस्तानी मीडिया को भारत को घेरने का मौका मिल गया है.
पाकिस्तान की जियो न्यूज ने इस रिपोर्ट पर कहा कि यह पाकिस्तान के दावों को और ज्यादा ताकत देती है.



 इस रिपोर्ट को बुनियाद बनाकर जियो न्यूज की तरफ से कहा जा रहा है कि, वजीरे आजम नरेंद्र मोदी की सरकार ने पाकिस्तान की जमीन पर कत्ल के आदेश दिए. वह अपनी रिपोर्ट में रॉ को कुख्यात एजेंसी बता रही है. जियो न्यूज ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के अलावा खालिस्तान हामियों के खिलाफ भी भारत की एजेंसियां हत्याओं की कार्रवाई को अंजाम दे रही हैं. अखबार की इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत, दहशतगर्दाना हमला होने से पहले से ही दहशतगर्दों को मार रहा था. लेकिन, अब इस रिपोर्ट पर भी सवाल उठने लगे हैं.



दरअसल, इस रिपोर्ट में खालिस्तानी हिमायती गुरपतवंत सिंह पन्नू को मरा हुआ लिखा गया है, जो गलत है. इस ऑर्टिकल में पहले, दहशतगर्द रियाज अहमद की फोटो गलत लगाई गई थी.  गैर मुल्की जमीन पर भारत के द्वारा इस तरह के ऑपरेशन चलाए जाने का यह पहला इल्जाम नहीं है, यह तीसरी बार है जब भारत पर ऐसा इल्जाम लगा है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सबसे पहले दावा किया था कि खालिस्तानी अलैहदगी पसंद हरदीप सिंह निज्जर के कत्ल में भारत का हाथ था. इसके बाद अमेरिका ने भी दावा कर दिया कि खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के कत्ल की नाकाम कोशिश भारत ने की. दोनों ही बार भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से इन इल्जामात का करारा जवाब दिया गया और इस बार भी विदेश मंत्रालय ने न्यूज पेपर के द्वारा जारी रिपोर्ट और दावे पर सख्त आपत्ति जताते हुए इसे सिरे से  रद्द कर दिया है.