जब देश में बदले जा रहे थे उर्दू वाले नाम; चीन अरुणाचल प्रदेश में कर रहा था ये काम
India rejects China renaming of 11 places in Arunachal Pradesh : पड़ोसी मुल्क चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदलकर अपने हिसाब से रख दिए हैं, क्योंकि चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता आ रहा है. भारत सरकार ने चीन के इस कदम की अलोचना करते हुए उसके नाम बदलने के फैसले को खारिज कर दिया है.
नई दिल्लीः एक तरफ जहां देश में भाजपा शासित राज्यों में मुस्लिम और उर्दू नाम वाले स्थानों के नाम बदलने में सरकार व्यस्त है, वहीं, चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम बदलकर अपने हिसाब से रख दिए हैं. चीन अरुणाचल प्रदेश पर लंबे अरसे से अपना दावा करता आ रहा है और उने हजारों वर्ग किमी भूभाग पर कब्जा भी कर रखा है.
यह तीसरी बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का 'नाम बदला’ है, जिसे वह तिब्बत का दक्षिणी भाग जंगनान मानता आ रहा है. चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी नामों की नई सूची में पांच पर्वत शिखर, दो भूमि क्षेत्र, दो आवासीय क्षेत्र और दो नदियां शामिल हैं. चीन ने इससे पहले 2018 और 2021 में इसी तरह की लिस्ट जारी की थी.
सरकार ने चीन के इस कदम को किया खारिज
हालांकि, चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों का नाम बदलने के बाद भारत सरकार ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश को देश का अविभाज्य हिस्सा बताते हुए चीन के इस कदम को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने ऐसी खबरें देखी हैं. यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है. हम इसे सिरे से खारिज करते हैं. अरुणाचल भारत का अटूट हिस्सा हैं. नाम बदलने का प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा."
कांग्रेस ने जताई चिंता, प्रधानमंत्री ने मांगा जवाब
अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा स्थानों के नाम बदलने पर कांग्रेस ने चिंता जताई है. कांग्रेस ने कहा है कि पड़ोसी देश को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की “क्लीन चिट“ और सीमा पर चीनी कार्रवाइयों पर उनकी “चुप्पी“ सवालों के घेरे में हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "चीन को मोदी की “क्लीन चिट“ के परिणामों का देश लगातार सामना कर रहा है. कांग्रेस के पूर्व सद्र राहुल गांधी ने ट्वीट कर इल्जाम लगाया है कि चीन ने 2000 वर्ग किमी जमीन छीन ली है, जगहों के नाम बदल रहे हैं- प्रधानमंत्री चुप हैं, कोई जवाब नहीं! प्रधानमंत्री जी, इतना डर क्यों?"
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