India Maldives Relations: मालदीव और भारत के दरमियान संबंध खराब हो गए हैं. ऐसे में मालदीव ने भारत से अपने सैनिक बुलाने के लिए कहा है. अब भारत जल्द ही मालदीव से अपने सैनिक बुलाने की तैयारी में है. अगले महीने उच्च स्तरीय कोर समूह की बातचीत होगी. उम्मीद है कि इसमें भारतीय सैनिकों की वापसी की योजना बने. मालदीव में भारत के कई सैनिक तैनात हैं. यहां पर भारत की तरफ से एक हेलीकॉप्टर, एक डोर्नियर और एक अपतटीय कश्ती जहाज तैनात हैं. इनको चलाने के लिए यहां भारतीय सैनिक मौजूद हैं. मालदीव के राष्ट्रपति ने हाल ही में भारत से अपील की थी कि वह अपने सैनिक वापस बुला लें.


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भारत ने नहीं दिया रिएक्शन
भारत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की अपील पर कोई भी रिएक्शन नहीं दिया है. राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपील की कि भारत मजलिस चुनाव से पहले 15 मार्च तक अपने सैनिक वापस बुला ले.


भारत विरोधी विचारधारा
मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की तैनाती को रोक दिया गया है. राष्ट्रपति चुनाव से पहले मुइज्जू ने भारत विरोधी विचारधारा को फैलाया है. 14 जनवरी को मुइज्जू की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी से चुनाव हार गई है. इसके बाद वह भारत विरोधी विचारधारा फैला रहे हैं. मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी भारत के साथ संबन्ध बनाए रखना चाहती है. 


भारत देगा मदद
भारत मालदीव में ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है. भारत इसके लिए 100 मिलियन डॉलर का अनुदान और 400 मिलियन डॉलर क्रेडिट लाइन के तहत वित्त पोषित करेगा. इस परियोजना में 6.74 किलोमीटर लंबा पुल और कांजवे लिंक बनाया जाएगा. इस परियोजना से माले को विलिंग्ली, गुलहिफाल्हू और थिलाफुशी के आसपास के द्वीपों को जोड़ा जाएगा.


कर्जदार है मालदीव
मालदीव के बारे में ज्यादा जानकारी रखने वाले लोगों का मानना है कि मुइज्जू सिंगापुर में भारतीय संपत्तियों के बदले चीनी संपत्तियों को तरजीह दे सकते हैं. हालांकि ऐसा करने के लिए मालदीव को आर्थिक नुकसान हो सकता है. इसके लिए मालदीव ने चीन की मदद मांगी है. मालदीव पहले से ही भारत और चीन का कर्जदार है. उसे इस साल ही भारत का 10 करोड़ डॉलर का भुगतान करना है.