Indo-Nepal Border: नेपाल के बॉर्डर से लगने वाले कई जिलों में मुस्लिमों की बढ़ती तादाद एक बार फिर चिंता का विषय बन गई है. सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट से ख़ुलासा हुआ है कि भारत-नेपाल सीमा पर बन रहे मदरसों और मस्जिदों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है. ज़ी मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक साल 2021 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि भारत-नेपाल सीमा पर मदरसों और मस्जिदों की कुल तादाद अब 1 हज़ार 688 हो गई हैं जिनमें से 946 मस्जिदें और 623 मदरसा शामिल हैं. इसके अलावा 10 मदरसें और मस्जिदें निर्माणाधीन हैं.रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2018 में भारत-नेपाल सीमा पर मदरसों और मस्जिदों की कुल तादाद 1हज़ार 349 दर्ज की गई थी. इनमें से 738 मस्जिदें और 501 मदरसे शामिल हैं.


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मदरसों और मस्जिदों की निर्माण
रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत-नेपाल सीमा से सटे नेपाली इलाके में भी बड़ी तादाद में मदरसों और मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है. साल 2021 में जहां कुल 334 मदरसे और मस्जिदों के बारे में जानकारी मिली थी वहीं साल 2018 में ये संख्या 311 थी. जहां साल 2018 में नेपाली इलाके में कुल 3 नये मदरसों और मस्जिदों के निर्माण की जानकारी मिली थी, वहीं महज़ दो साल में निर्माणाधीन मदरसों और मस्जिदों तादाद 16 हो गई है. नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर पर सटे भारतीय गांवों में भी मुस्लिम आबादी में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा दर्ज किया गया है. महराजगंज,सिद्रार्थनगर, बलरामपुर,बहराइच,श्रावस्ती और पीलीभीत जैसे जिलों में बॉर्डर के गांवों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है.


अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां 
एक रिपोर्ट के मुताबिक़ महराजगंज में बॉर्डर के पास मौजूद कुल 302 गांवों में से 66 गांव ऐसे हैं जिनकी मुस्लिम आबादी में पिछले कुछ सालों में 30 से लेकर 50 फीसद तो कई ज़िलों में मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले गांव बन गये हैं. इसी तरह सिद्धार्थनगर के 270 गांवों में से 124, बलरामपुर के 164 गांवों में से 13, बहराइच के 83 गांवों में से 45 गांव, श्रावस्ती के 115 गांव में से 53 गांव और पीलीभीत के 46 में से 2 गांवों में मुस्लिम आबादी तेज़ी से बढ़ी है और इनमें से कई मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले गांव बन गये हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने भारत-नेपाल बॉर्डर पर बढ़ती जिहादी गतिविधियों पर चिंता जताई है.


दिल्ली में हुई थी कॉन्फ्रेंस 
एजेंसियों के मुताबिक नेपाल में एक्टिव एक NGO को पाकिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब और क़तर जैसे देशों से काफी फंडिंग मिल रही है. सूत्रों के मुताबिक, इसके जरिये नेपाल-भारत सीमा पर मदरसों और मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है. हाल ही में दिल्ली में हुई DGP-IGP कॉन्फ्रेंस के दौरान भी भारत-नेपाल सीमा पर जिहादी गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की गई थी. इस कॉन्फ्रेंस में बताया गया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों को मदद पहुंचा रही है.


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