दुबईः ईरान में चल रहे देशव्यापी विरोध-प्रदर्शनों के बीच शनिवार को सरकार ने कहा है कि उसने एक दोहरी नागरिकता रखने वाले ईरानी-ब्रिटिश नागरिक को मौत की सजा दी है, जो कभी उसके रक्षा मंत्रालय के लिए काम करता था. देश की न्यायपालिका से जुड़ी ईरान की मीजान न्यूज एजेंसी ने अली रजा अकबरी को फांसी दिए जाने की तस्दीक की है. हालांकि, एजेंसी ने यह नहीं बताया है कि फांसी कब दी गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ दिन पहले ही ईरान ने अपने इस पूर्व नागरिक को मौत की सजा दी है. 

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बिटेन की खुफिया एजेंसी का जासूस होने का लगाया था आरोप 
ईरान सरकार ने अपने नागरिक अकबरी पर ब्रिटेन की एमआई -6 खुफिया एजेंसी के जासूस होने का आरोप लगाया था. हालांकि सरकार ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया था. इसके बजाए ईरान सरकार ने अकबरी का एक संपादित वीडियो देशभर में प्रसारित किया है, जिसमें उसे ईरान के खिलाफ जासूसी करने की बात कबूल करते हुए दिखाया गया है. 

अमेरिका ने की फांसी की आलोचना 
इस मामले में शुक्रवार को अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने अकबरी की फांसी की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि अली रेज़ा अकबरी के खिलाफ आरोप और उन्हें फांसी की सजा राजनीति से प्रेरित है. पटेल ने कहा कि हम उन रिपोर्टों से बहुत परेशान हैं कि मिस्टर अकबरी को हिरासत में नशा दिया गया था और प्रताड़ित किया गया था. हजारों घंटों तक उनसे पूछताछ की गई थी, और झूठे बयान देने के लिए मजबूर किया गया था.“ उन्होंने कहा, ’’ईरान की मनमानी और अन्यायपूर्ण नज़रबंदी, जबरन का कबूलनामा और राजनीति से प्रेरित फांसी की प्रथा पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसे खत्म किया जाना चाहिए.’’ 


सार्वजनिक स्थल पर हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ था आंदोलन 
गौरतलब है कि ईरान में पिछले सितंबर माह से ही हिजाब के खिलाफ भारी विरोध-प्रदर्शन चल रहा है, जिसमें देशभर की कुछ महिलाएं और पुरुष हिस्सा ले रहे हैं. विरोधी ईरान के कट्रपंथी सरकार की आलोचना कर रहे हैं. महिलाएं हिजाब में आग लगा रही है और अपने बाल कटवा रही है. इस विरोध-प्रदर्शन में अबतक 600 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. ईरान इस मामले में विदेशी ताकतों की साजिश बता रहा है और विरोध करने वाले लोगां को विदेशी सरकार का एजेंट बताकर उसपर मुकदमा चला रहा है और मौत की सजा भी दे रहा है. अभी एक हफ्ता पहले ही ईरान ने अपने देश के चार लोगों को फांसी की सजा दी थी. 
ईरान में महिसा अमिनी नाम की एक महिला की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद यह विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ था. अमिनी को पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया था, क्योंकि वह सार्वजनिक स्थल पर बिना हिजाब के घूम रही थी.


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