दुबईः ईरानी गायक शर्विन हाजीपुर को उनके एक सरकार विरोधी और महिलाओं की आजादी के समर्थन में गाए गए गीत ‘बराये’ को ग्रैमी अवार्ड से नवाजा गया है. इतवार की रात ग्रैमी अवार्ड फंक्शन में इस गाने को ‘न्यू सॉन्ग फॉर सोशल चेंज’ कैटेगरी का ‘स्पेशल मेरिट ग्रैमी अवॉर्ड’ दिया गया है. हाजीपुर का ‘बराये’ गीत ईरान में पुलिस हिरासत में महसा अमिनी नाम की महिला की मौत को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शनों के दौरान खूब इस्तेमाल किया जा रहा है. इस गाने की वजह से हाजीपुर पर दोबारा जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है. अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने इतवार को घोषणा को इस अवार्ड की घोषणा की थी. 


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सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में एक अंधेरे कमरे में बैठे हाजीपुर अवॉर्ड का ऐलान होने के बाद भावुक होकर रोते हुए नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि ‘बराये’ का मतलब ‘के लिए’ होता है. इस गाने के शुरुआती बोल हैं-“सड़कों पर झूमने-नाचने के लिए. चुंबन लेने के दौरान हम जो डर महसूस करते हैं, उसके लिए.”  इस गाने का खात्मा हिरासत में महसा अमीनी की मौत को लेकर देश में सितंबर से जारी विरोध-प्रदर्शनों में बड़े पैमाने पर लगाए जा रहे नारे ‘महिलाओं, जीवन और आजादी के लिए’ के साथ होता है.


दुनिया बदलने की कूवत रखता है ये गाना 
लॉस एंजिलिस में आयोजित ग्रैमी अवार्ड समारोह में जिल बाइडन ने ‘बराये’ गीत की तारीफ करते हुए कहा, “एक गाना दुनिया को एकजुट, प्रेरित और बदलने की कूवत रखता है. यह मेहसा अमीनी मामले में पूरे ईरान में विरोध का गीत बन गया है. इस गीत के जरिए बेहद शक्तिशाली और काव्यात्मक अंदाज में महिलाओं की आजादी की मांग की गई है.” जिल बाइडन की इस टिप्पणी के बाद पूरा समारोह स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था. 
वहीं, इस अवार्ड की घोषणा के बाद ईरानी गायक शर्विन हाजीपुर ने अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर लिखा, “हम जीत गए हैं.’’ हालांकि, अपने देश के नागरिक हाजीपुर की जीत पर ईरान के सरकारी मीडिया या सरकारी अफसरों की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 

गाने की वजह से सिंगर को हो चुकी है जेल 
गौरतलब है कि गायक शर्विन हाजीपुर (25) ने ‘बराये’ गाना अपने इंस्टाग्राम पेज पर जारी किया था, जो बाद में वायरल हो गया. इसके बाद, ईरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कई दिनों तक हिरासत में रखा था. हालांकि, हाजीपुर को पिछले साल अक्टूबर में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. वहीं, ईरान में महीनों से चल रहे विरोध-प्रदर्शनों पर नजर रखने वाले संगठन ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स इन ईरान’ का कहना है कि हाजीपुर पर ‘ ईरानी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने’ और ‘हिंसा भड़काने’ के इल्जाम लगाए गए हैं. सरकार ने उनके ईरान से बाहर जाने पर भी बैन लगा दिया है. 

527 लोगों की हो चुकी है मौत 
‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स इन ईरान’ के मुताबिक, ईरान में हिरासत में महसा अमीनी की मौत को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शनों के दौरान 19,600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. संगठन के मुताबिक, विरोध को कुचलने की कोशिशों के दौरान कम से कम 527 लोग अबतक मारे जा चुके हैं. 


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