Iran Protest: ईरान में इन दिनों काफ़ी हलचल है. यहां तक़रीबन 2 महीनों से एहतेजाज का सिलसिला जारी है. महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान के अवाम सड़कों पर लगातार एहतेजाज कर रहे हैं. यहां महसा अमीनी की मौत के बाद लोगों में ज़बरदस्त ग़ुस्सा है. वहीं दूसरी जानिब ईरान में 30 सितंबर को एहतेजाज के दौरान सिक्योरिटी अहलकारों की फायरिंग में 66 लोगों की मौत हो गई थी. जिसकी मुख़ालेफ़त में लोगों ने इस दिन को 'ख़ूनी शुक्रवार' के तौर पर मनाया और जमकर नारेबाज़ी की.


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लोगों ने निकाला मार्च
ज़ाहेदान में जुमे के रोज़ हज़ारों लोगों ने मार्च निकाला. जिसका वीडियो उन्होंने अपने सोशल मीडिया के ज़रिए शेयर किया. दरअसल, 30 सितंबर को एक मक़ामी लड़की के क़त्ल के मामले में इल्ज़ाम लगाया गया था कि पुलिस अफसर ने पहले उसका रेप किया, बाद में उसे गोली मार दी. हालांकि, इस मामले में सीनियर अफ़सरान का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और क़ुसूरवारों के ख़िलाफ़ सख़्त एक्शन लिया जाएगा.


फ़ायरिंग में 66 की गई जान
ख़बरों के मुताबिक़ सिक्योरिटी फोर्सिज़ ने 30 सितंबर को सिस्तान-बलूचिस्तान सूबे की राजधानी ज़ाहेदान में एहतेजाजियों पर ताक़त का इस्तेमाल करते हुए फायरिंग की थी. जिसमें तक़रीबन 66 लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद मक़ामी लोगों ने इस वारदात को 'ख़ूनी शुक्रवार' का नाम दिया और नारेबाज़ी की.


कस्टडी में महसा अमीनी के साथ मारपीट का इल्ज़ाम
ईरान में 22 साल की महसा अमीनी को हिजाब ना पहनने की वजह से पुलिस ने 13 सितंबर को हिरासत में लिया था. इल्ज़ाम है कि पुलिस ने हिरासत में उसके साथ मारपीट की, जिससे वह कोमा में चली गई थीं. इस हादसे के तीन दिन बाद महसा ने दम तोड़ दिया. हालांकि, पुलिस ने मारपीट की वजह से हुई मौत से इनकार किया है. बहरहाल महसा अमीनी की मौत से बाद से ईरान में लगातार प्रोटेस्ट का सिलसिला जारी है. 


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