Hijab Controversy: ईरान में पुलिस हिरासत में जान गवाने वाली 22 की महसा अमीनी के परिजनों का कहना है कि उनको जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. उनका कहना है कि उन्हें विरोध प्रदर्शनों में शमिल होने से मना किया जा रहा है. महसा अमीनी की मौत के बाद पूरे ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था. 


घर वाले लोगों से बात करने से डरते हैं


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बीबीसी ने महसा के कजन इरफान मुर्तजई के हवाले से लिखा है कि "हमारे खानदान पर इस्लामी जमहूरिया के अफसर की तरफ से बहुत दबाव है. इसलिए हम ईरान से बाहर किसी भी मानवाधिकार संस्था या चैनल से बात नहीं करते, न ही उनकी मौत के बारे में विदेश में किसी से बात करते हैं."


धार्मिक मामलों की पुलिस के हाथों गिरफ्तार होने के बाद महसा अमीनी पूरी दुनिया में मशहूर हो गईं. आज उनका चेहरा और उनकी कहानी पूरी दुनिया में मशहूर हो गई. 


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सरकारी अधिकारियों की तरफ से मिल रही है धमकियां


महसा के कजन ने बताया कि "सरकारी अफसरों ने हमें इंस्टाग्राम पर जाली अकाउंट के जरिए धमकियां दे रहे हैं. और ईरान में हमारे घर वालों से कहा है कि अगर वह विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे तो उन्हें कत्ल किया जा सकता है."


उन्होंने अपने बारे में कहा कि "मुझे खुद फोन पर बहुत सी धमकियां मिल रही हैं कि अगर मैं शहर में दिखाई दिया तो मुझे कत्ल कर दिया जाएगा."


क्या है पूरा मामला?


ख्याल रहे कि 22 साल की महसा अमीनी को हिजाब नहीं पहनने पर 13 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. खबरें हैं कि पुलिस ने महसा अमीनी को हिरासत में टार्चर किया था जिसके बाद वह कोमा में चली गईं थी. इसके तीन दिन बाद महसा अमीनी की मौत हो गई थी. दरअसल महसा अमीनी परिवार के साथ तेहरान घूमने गईं थीं. इस दौरान उन्होंने हिजाब नहीं पहना था. बताया जाता है कि मंगलवार को हिजाब न पहनने के जुर्म में धार्मिक मामलों की पुलिस ने महसा अमीनी को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उनकी बुरी तरह पिटाई की थी. इसके बाद खबर आई कि उनकी मौत हो गई. 


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