मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक को इतने सालों के लिए जेल; लगा था ये बड़ा आरोप
Malaysian ex Prime Minister Najib Razak convicted: मलेशिया की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक पर अरबों रुपये के धनशोधन के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए उनके अपील को खारिज कर दिया है.
पुत्राजायाः मलेशिया की सुप्रीम अदालत ने 1एमडीबी सरकारी निधि की लूट से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में मुल्क के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक की दोषसिद्धि और उन्हें सुनाई गई 12 साल की जेल की सजा बरकरार रखी है. नजीब की यह आखिरी अपील रद्द होने का मतलब है अब यह है कि वह तत्काल प्रभाव से अपनी सजा काटना शुरू करेंगे. इसके साथ ही वह मुल्क के ऐसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री बन जाएंगे, जिन्हें जेल जाना पडेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, नजीब की अपील में दम नहीं
संघीय अदालत की पांच सदस्यीय बेंच ने कहा कि उसका सर्वसम्मति से मानना है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने सही फैसला दिया और नजीब की अपील में दम नहीं है. अदालत ने नजीब की दोषसिद्धि और सजा की तस्दीक की है. मुख्य न्यायाधीश मइमन तुआन मात ने फैसले में कहा, ‘‘बहुत ही सामान्य और साफ मामला है. यह सत्ता के दुरुपयोग, आपराधिक विश्वासघात और धनशोधन का मामला है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अपीली अदालत में हमने हाईकोर्ट के फैसले में कुछ भी दुराग्रह या गलत नहीं पाया, जिसकी बुनियाद पर पूर्व के फैसले में हस्तक्षेप किया जाए. हम इस बात से मुतमइन हैं कि बचाव पक्ष इतना परस्पर विरोधी और अविश्वसनीय है कि वह अभियोजन के मामले पर तार्किक आशंका नहीं खड़ा कर सकता.’’
नजीब पर क्या था आरोप ?
गौरतलब है कि नजीब ने वर्ष 2009 में सत्ता में आने के बाद ही 1एमडीबी विकास फंड की स्थापना की थी. निवेशकों का इल्जाम है कि फंड से कम से कम साढ़े चार अरब डॉलर की चोरी की गई और नजीब के सहयोगियों द्वारा उक्त रकम का धनशोधन किया गया. नजीब को वर्ष 2020 में सत्ता के दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात और गैर कानूनी तरीके से 94 लाख डॉलर, 1एमडीबी की पूर्ववर्ती इकाई एसआरसी इंटरनेशनल से हासिल करने के लिए धनशोधन करने का कसूरवार ठहराया गया था.
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