Modi-Putin की मीटिंग के बाद क्या बोला अमेरिका? पेंटागन ने कही ये बात
Modi Putin Meeting: पीएम नरेंद्र मोदी और पुतिन की मुलाकात के बाद अमेरिका का दूसरी बार बयान आया है. इस बार पेंटागन ने भारत और रूस के रिश्तों को लेकर बयान दिया है. पढ़ें पूरी खबर
Modi Putin Meeting: मोदी और पुतिन की मीटिंग के बाद अमेरिका का लगातार बयान आ रहा है. अब पेंटागन ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत को एक रणनीतिक साझेदार के तौर पर देखता रहेगा और उसे विश्वास है कि भारत यूक्रेन के लिए "स्थायी और न्यायपूर्ण शांति" को साकार करने की कोशिशों का समर्थन करेगा.
क्या बोला पेंटागन?
पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, "भारत और रूस के बीच बहुत लंबे समय से रिश्ते रहे हैं. अमेरिका के नजरिए से, भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम रूस के साथ रिश्तों को शामिल करते हुए पूर्ण और स्पष्ट बातचीत जारी रखते हैं. जहां तक इस हफ्ते होने वाले नाटो शिखर सम्मेलन का सवाल है, तो साफ तौर पर, आपकी तरह ही, पूरी दुनिया का ध्यान उस पर केंद्रित है."
अमेरिका पहले भी फिक्र का कर चुका है इजहार
जो बिडेन प्रशासन पहले ही मोदी की रूस के मास्को की दो दिवसीय यात्रा के दौरान अपनी फिक्र का इजहार कर चुका है. मोदी की रूस यात्रा के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए पैट राइडर ने कहा, "लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी को हैरानी होगा अगर (रूसी) राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन इस यात्रा को इस तरह से पेश करने की प्रयास करें कि किसी तरह यह दिखाया जाए कि वह बाकि दुनिया से अलग-थलग नहीं हैं. फैक्ट यह है कि राष्ट्रपति पुतिन के युद्ध के फैसले ने रूस को बाकि दुनिया से अलग-थलग कर दिया है और इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है"
भारत को रणनीतिक साझेदार के तौर पर देखेंगे
राइडर ने आगे कहा,"उनके आक्रामक युद्ध की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है और फैक्ट्स इसकी तस्दीक (पुष्टि) करते हैं. इसलिए हम भारत को एक रणनीतिक साझेदार के तौर पर देखते रहेंगे. हम उनके साथ मजबूत बातचीत जारी रखेंगे."
पत्रकार ने पूछा तीखा सवाल
जब एक पत्रकार ने कहा कि "वे (पुतिन) इतने अलग-थलग नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का लीडर अभी मास्को में है और उनसे गले मिल रहा है", राइडर ने जवाब दिया, "मैं यह भी बताना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और आश्वासन दिया था कि भारत यूक्रेन में युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने साधनों के भीतर सब कुछ करना जारी रखेगा." उन्होंने आगे कहा,"मुझे लगता है कि हमें विश्वास है कि भारत यूक्रेन के लिए एक स्थायी और न्यायपूर्ण शांति स्थापित करने की कोशिशों का समर्थन करेगा.