लाहौरः मुंबई में 26/11 से जुड़े हमले में भारत के लिए एक निहायत ही अच्छी खबर है. पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता साजिद मजीद मीर को आतंकवाद के लिए धन जुटाने के मामले में 15 साल से ज्यादा की सजा सुनाई है. उन्होंने कहा कि अदालत ने साजिद मजीद मीर पर चार लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया है.

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पाकिस्तान कर चुका था इसके मरने का दावा 
साजिद मजीद मीर मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल था. उस पर अमेरिका ने भी 50 लाख डॉलर का इनाम ऐलान कर रखा है. पाकिस्तानी अफसरों ने अतीत में दावा किया था कि साजिद मजीद मीर की मौत हो चुकी है, लेकिन पश्चिमी मुल्कों को इस पर शक था. उन्होंने मीर की मौत का सबूत देने मांग की थी.उल्लेखनीय है मीर को सजा ऐसे वक्त में सुनाई गई है, जब पाकिस्तान वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए जद्दोजेहद कर रहा है. 

इस वजह से पाकिस्तान ने छुपाई खबर 
पंजाब पुलिस का आतंकवाद निरोधी विभाग, जो अक्सर मीडिया को ऐसे मामलों में संदिग्धों को कसूरवार करार दिए जाने की जानकारी देता है, उसने साजिद मजीद मीर की सजा की सूचना नहीं दी है. दरअसल, धनशोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ इस्लामाबाद की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं. और इन सुधारात्मक क़दमों के अमल की समीक्षा करने के लिए टेरर  फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ की टीम जल्द ही पाकिस्तान का दौरा करने वाली है.

लखपत जेल में बंद है मीर 
लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दवा के नेताओं की पैरवी करने वाले एक वकील ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में लाहौर की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक कार्यकर्ता साजिद मजीद मीर को साढ़े 15 साल की जेल की सजा सुनाई थी. वकील ने बताया कि साजिद मजीद मीर अप्रैल में अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है.


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