ताइपेः अमेरिका के प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से अमेरिका और चीन के बीच पैदा हुए तनाव के बीच बुधवार को नैन्सी स्वदेश वापस हो गई हैं. हालांकि उन्होंने स्वदेश वापसी से पहले ताइवान को लेकर चीन को बेहद सख्त संदेश दिया है. नैन्सी ने कहा कि दुनियाभर में लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष जारी है, लेकिन अमेरिका निरंकुश्ता का खत्मा पर लोकतंत्र बहाली के अपपे प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटेगा. पेलोसी ने ताइपे में ये टिप्पणी उस वक्त की जब बीजिंग पेलासी की यात्रा पर अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा था.  

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लोगों में देश को लोकतांत्रिक बनाने का साहस दिखता है
गौरतलब है कि अमेरिकी कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार की रात ताइवान दौरे पर आया था. पेलोसी ने तब से ताइवान में राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन सहित शीर्ष नेतृत्व के साथ कई चर्चाएं की हैं. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस वक्त लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष चल रहा है. हम लोकतंत्र लागू करने से  पीछे नहीं हट सकते. चीन दुनिया का समर्थन हासिल करने के लिए अपनी सॉफ्ट पावर का उपयोग करता है. हमने ताइवान की तकनीकी प्रगति के संदर्भ में बात की है. यहां के लोगों में ताइवान को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने का साहस दिखता है. 


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ताइवान में बलपूर्वक कुछ भी नहीं हो सकता 
अपनी यात्रा पर चीन की आक्रामक प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए, पेलोसी ने कहा कि देश में जो कुछ हो रहा है, यह उसके विपरीत है. उन्होंने कहा, “हांगकांग में जो हुआ उस पर और सबूत की जरूरत नहीं है, एक देश दो सिस्टम नहीं चल सकता है. हम नहीं चाहते कि ताइवान में बलपूर्वक कुछ भी हो.“ पेलोसी ने वाशिंगटन के पक्ष को दोहराते हुए कहा कि ताइवान की संप्रभुता को बनाए रखने के लिए अमेरिका का संकल्प दृढ़ है. अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े होने का वादा किया है. 

चीन ने दी है गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी 
वहीं, दूसरी तरफ अमेरिकी सदन के अध्यक्ष की ताइवान यात्रा पर चीन ने इसे एक-चीन सिद्धांत और दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित संयुक्त करार के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन बताया है. चीन ने अमेरिका पर पीठ में छूड़ा घोंपने और विश्वासघात करने का इल्जाम लगाया है.यूएस हाउस स्पीकर के ताइवान में उतरने के कुछ ही समय बाद, 21 चीनी सैन्य विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरी थी. ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. 



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