Nayyara Noor: भारत में जन्मी बुलबुल-ए-पाकिस्तान नय्यरा नूर नम आंखों से सुपुर्दे खाक, कराची बना आखिरी आरामगाह
Nayyara Noor Death: `बुलबुल-ए-पाकिस्तान` का ख़िताब जीतने वालीं मशहूर गायिका नय्यरा नूर का निधन हो गया है. उनकी उम्र 72 साल थी. उनके जनाज़े की नमाज़ कराची में अदा की गई.
कराची: सीमा के दोनों तरफ लाखों लोगों का दिल जीतने वालीं मशहूर गायिका ‘बुलबुल-ए-पाकिस्तान’ नय्यरा नूर के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक शामिल हुए. भारत में जन्म लेने वाली नूर (71) का रविवार को दक्षिणी पाकिस्तानी शहर में कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया. उनके परिवार में उनके पति और दो बेटे हैं. रविवार को डीएचए के इमामबर्ग यासरब में नूर को जनाजे की नमाज के बाद उन्हें कब्रिस्तान में दफनाया गया.
द न्यूज़’ अखबार ने सोमवार को बताया कि दिग्गज़ हस्तियां, राजनेता, पत्रकार और संगीत प्रेमी बड़ी संख्या में उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए. नूर के पति शहरयार जैदी ने संवाददाताओं को बताया कि नूर पिछले डेढ़ साल से कैंसर से पीड़ित थीं. अखबार ने उनके पति के हवाले से कहा, ‘‘नूर की मृत्यु पूरे देश के लिए एक क्षति है, लेकिन ‘मेरा नुकसान अधिक’ है.’’
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उन्होंने 1971 में पाकिस्तानी टेलीविजन सीरियल से पार्श्व गायन की शुरुआत की थी और उसके बाद उन्होंने ‘घराना’, ‘तानसेन’ जैसी फिल्मों में अपनी आवाज दी। फिल्म 'घराना' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका घोषित किया गया और ‘निगार’ पुरस्कार से नवाज़ा गया.‘डॉन’ अखबार के मुताबिक, ‘‘उनकी प्रतिभा खुदा की इनायत थी. एक बार तराशे जाने के बाद, उन्होंने एक छात्र की तरह, अपनी कला को चमकाने के लिए लगन से काम किया.”
गौरतल है कि नूर को 2006 में ‘बुलबुल-ए-पाकिस्तान’ के खिताब से नवाज़ा गया था। इसी वर्ष उन्हें “प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस पुरस्कार” से सम्मानित किया गया और 2012 तक, उन्होंने पेशेवर गायिकी को अलविदा कह दिया था. नूर के निधन की खबर पर कईं नेताओं, अभिनेताओं और संगीतकारों ने शोक व्यक्त किया है.
इनपुट- भाषा के साथ भी)
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