Gaza News: इजराइल के सैनिकों ने गाजा के सबसे बड़े अस्पताल को घेराबंदी कर दी है. यहां के डॉक्टरों ने कहा है कि वहां के आखिरी जनरेटर का ईंधन खत्म होने के बाद से समय से पहले जन्मे एक शिशु सहित पांच मरीजों की मौत हो गई है. इजराइल ने शिफा अस्पताल को हमास के मुख्य कमान चौकी के रूप में चित्रित करते हुए कहा है कि आतंकवादी वहां नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे. उनका यह भी इल्जाम है कि उन्होंने इसके नीचे बंकर बनाये हैं. हालांकि इस दावे का हमास के साथ ही शिफा प्रशासन ने खंडन किया है.


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हाल के दिनों में, उत्तरी गाजा के युद्ध क्षेत्र में शिफा और दूसरे अस्पतालों के पास लड़ाई तेज हो गई है और जरूरी चीजों की आपूर्ति ख़त्म हो गई है. शिफा के निदेशक मोहम्मद अबू सेल्मिया ने गोलियों और विस्फोटों की आवाज के बीच फोन पर बात करते हुए कहा, “बिजली नहीं है. चिकित्सा उपकरण बंद हो गए हैं. मरीजों, विशेष रूप से गहन देखभाल में रहने वाले लोगों की मृत्यु होने लगी है.’’ अबू सेल्मिया ने कहा कि इजराइली सैनिक ‘अस्पताल के बाहर या अंदर किसी को भी गोली मार रहे हैं’ और परिसर में इमारतों के बीच आवाजाही रोक दी है. 


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जराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि नागरिकों को होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी हमास की है. उन्होंने लंबे समय से लगाये जा रहे इन आरोपों को दोहराया कि आतंकवादी समूह गाजा में नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करता है. उन्होंने कहा कि इजराइल ने नागरिकों से युद्ध क्षेत्र छोड़ने का आग्रह किया है, ‘‘हमास उन्हें जाने से रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है.’’ 


स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास ने सेटेलाइट टेलीविजन चैनल अल जजीरा को बताया कि शिफा में अब भी 1,500 मरीजों के साथ ही 1,500 चिकित्सा कर्मी हैं और 15,000 से 20,000 लोगों ने आश्रय लिया हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘परिसर में अब भोजन, पानी और बिजली की कमी है. गहन देखभाल इकाइयों ने काम करना बंद कर दिया है.’’ शिफा और हमले की चपेट में आए अन्य अस्पतालों से हजारों लोग भाग गए हैं, लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि हर किसी के लिए बाहर निकलना असंभव है. संगठन ने शिफा में ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ सर्जन मोहम्मद ओबेद के हवाले से कहा, ‘‘हम ऐसा नहीं कर सकते कि खुद बाहर चले जाएं और लोगों को अंदर छोड़ दें. एक चिकित्सक के रूप में, मैं उन लोगों की मदद करने की शपथ लेता हूं जिन्हें मदद की ज़रूरत है.’’