Pregnant Women in Gaza: संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (UNICEF) ने कहा है कि गाजा पट्टी में अधिकांश बच्चे और गर्भवती महिलाएं अपनी बुनियादी पोषण जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं. संयुक्त राष्ट्र निकाय यूनिसेफ की तरफ से किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 2 साल से कम उम्र के 90 फीसद बच्चे हर दिन दो बार या उससे रूप कम दूध या बेड खा रहे हैं. सर्वे में यह भी कहा गया है कि एक चौथाई गर्भवती महिलाएं प्रतिदिन केवल एक समय का भोजन कर रही हैं.


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जांच की वजह से नहीं हो रही सप्लाई
संयुक्त राष्ट्र के अफसरों ने कहा कि इज़राइल राफा क्रॉसिंग पर सहायता वाहनों की जांच कर रहा है और इसकी वजह से सहायता सामग्री की आपूर्ति में देरी हो रही है. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने पहले कहा था कि चार में से एक गज़ावासी अकाल जैसे स्तर की भुखमरी का सामना कर रहा है. के मुताबिक 5 साल से कम उम्र के बच्चों में दस्त के मामले 48,000 से बढ़कर 71,000 हो गए हैं. अधिकारियों ने यह भी कहा कि पहले गाजा पट्टी में हर महीने डायरिया के केवल 2,000 मामले सामने आते थे. हालांकि, इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि इलाके में पर्याप्त भोजन है और उन्होंने सहायता की इजाजत देने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं. उन्होंने खाद्य पदार्थों की किसी भी कमी के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को भी दोषी ठहराया.


22 हजार लोगों की मौत
ख्याल रहे कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर 5 हजार मिसाइलों से हमला किया. इस हमले में इजरायल के 1200 लोग मारे गए. इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की. पहले इजरायल ने हवाई जहाज से हमला किया. इसके कुछ दिनों बाद इजरायल ने जमीनी स्तर पर हमला करना शुरू किया. इन हमलों में फिलिस्तीनी इलाके गाजा में तीन महीने में तकरीबन 22 हजार लोग मारे गए.


दवाओं की किल्लत
जबसे इजरायल ने गाजा पर हमला करना शुरू किया है तब से यहां जरूरी चीजों की कमी हुई है. अस्पतालों में इलाजे के लिए दवाएं और जरूरी सामान भी नहीं बचा है. इजरायल के सैनिकों ने गाजा के लोगों से कहा था कि वह उत्तरी गाजा को छोड़कर दक्षिणी गाजा में चले जाएं. वह जगह सुरक्षित है. लेकिन हाल के दिनों में इजरायल के सैनिकों ने दक्षिणी गाजा में हमले किए हैं. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र ने लगातार बताया है कि यहां जरूरी चीजों की कमी है. इलाज के लिए दवाओं और सामान की कमी है. अब UN के अफसरों ने कहा है कि गर्भवती औरतों और बच्चों को जरूरी पोषण नहीं मिल पा रहा है.