स्टोकहोम: (STOCKHOLM): जलवायु संबंधी खोजों के लिए तीन वैज्ञानिकों को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार स्टाकहोमः इस वर्ष भौतकी के नोबेल पुरस्कार के लिए जापान, जर्मनी और इटली के तीन वैज्ञानिकों को चुना गया है. स्यूकूरो मनाबे (90) और क्लॉस हैसलमैन (89) को ‘पृथ्वी की जलवायु की भौतिक ‘मॉडलिंग’, ग्लोबल वॉर्मिंग के पूर्वानुमान की परिवर्तनशीलता और प्रामाणिकता के मापन’ फिल्ड में उनके काम के लिए चुना गया है. ईनाम के दूसरे भाग के लिए जॉर्जियो पारिसी (73) को चुना गया है. उन्हें ‘परमाणु से लेकर ग्रहों के मानदंडों तक भौतिक प्रणालियों में विकार और उतार-चढ़ाव की परस्पर क्रिया की खोज’ के लिए चुना गया है. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव गोरन हैन्सन ने मंगलवार को विजेताओं के नाम घोषित किए. किसी एक विषय के संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाले एक से अधिक वैज्ञानिकों को साझा तरीके से पुरस्कार दिया जाना आम बात है.


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पिछले वर्ष भौतिक विज्ञान का नोबेल अवार्ड अमेरिकी वैज्ञानिक आंड्रेया गेज, ब्रिटेन के रोजर पेनरोज और जर्मनी के रिनार्ड गेनजेल को दिया गया था. इन तीनों को ब्‍लैक होल्‍स पर रिसर्च के लिए यह सम्समान दिया गया था. इस ईनाम को हासिल करने वाले शख्स को एक गोल्‍ड मेडल के साथ 1.14 मिलियन डॉलर नकद दिए जाते हैं.


नए अध्ययन से मिलेगा फायदा 
निर्णायक मंडल ने कहा कि मनाबे और हैसलमैन ने ‘पृथ्वी की जलवायु और इंसान के इस पर असर के बारे में हमारे इल्म की बुनियाद रखी है. मनाबे ने 1960 के दशक की शुरुआत में दर्शाया था कि वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से वैश्विक तापमान किस तरह बढ़ेगा और इस तरह उन्होंने मौजूदा जलवायु मॉडलों की बुनियाद रखी थी. इसके करीब एक दशक बाद हैसलमैन ने एक मॉडल बनाया जिसमें मौसम और जलवायु को जोड़ा गया. इससे यह समझने में मदद मिली कि मौसम की तेजी से बदलाव वाली प्रकृति के बाद भी जलवायु संबंधी मॉडल किस तरह प्रामाणिक हो सकते हैं. उन्होंने जलवायु पर मनुष्य के प्रभाव के विशेष संकेतों का पता करने के तरीके भी खोजे. पारिसी ने एक गहन भौतिक और गणितीय मॉडल तैयार किया जिससे जटिल प्रणालियों को समझना आसान हुआ.


 



जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कठोर फैसले लेने होंगे 
पुरस्कारों के ऐलान के बाद पारिसी ने कहा, ‘‘इस बात की बहुत जरूरत है कि हम जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बहुत कठोर फैसले लें और बहुत तेज रफ्तार से बढ़ें.’’ उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए संदेश है कि हमें अब काम करना होगा. 

11.4 लाख डॉलर की राशि दी जाती है ईनाम 
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनोर (11.4 लाख डॉलर से अधिक) की राशि दी जाती है. पुरस्कारों की स्थापना 1895 में स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल ने की थी. नोबेल पुरस्कार समिति ने सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र में अमेरिकी नागरिकों डेविड जूलियस और आर्डम पातापूशियन को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की थी. आने वाले दिनों में रसायन विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम घोषित किए जाएंगे.


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