तोक्योः गुजिश्ता एक साल से भी ज्यादा वक्त से दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेने वाली कोविड-19 महामारी के डर के साये को पीछे छोड़ते हुए 32वें ओलंपिक खेलों की रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ शुरुआत हो गई. जुमे को शुरू हुए इस प्रोग्राम में जापानी संस्कृति और प्रौद्योगिकी की शानदार झलक देखने को मिली. जापान के सम्राट नारूहितो ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदर थामस बाक, आयोजन समिति की प्रमुख सीको हाशिमोतो, कई दीगर हस्तियों और 205 देशों के खिलाड़ियों की मौजूदगी में ओलंपिक के शुरुआत की घोषणा की. इस समारोह में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और छह बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने भारतीय दल की अगुवाई की.



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127 एथलीटों के साथ अबतक का सबसे बड़ा दल भेजा है भारत 
भारत ने इस बार 127 एथलीटों के साथ ओलंपिक में अबतक का सबसे बड़ा दल भेजा है. भारत की तरफ से 20 खिलाड़ी और छह अधिकारियों के साथ कुल 26 सदस्यीय भारतीय दल ने इसमें हिस्सा ले रहे हैं. ओलंपिक मार्च पास्ट के दौरान मनप्रीत और मैरीकॉम के हाथों में तिरंगा लहरा रहा था. मनप्रीत और मैरीकॉम के साथ भारत के अन्य खिलाड़ी और अफसर भी मौजूद रहे. उद्घाटन समारोह में हॉकी से 1, मुक्केबाजी से 8, टेबल टेनिस से 4, जिमनास्टिक से 1, तैराकी से 1, नौकायन से 4, तलवारबाजी से 1 खिलाड़ी है, जबकि दल में छह अधिकारी शामिल हुए. 

दर्शकों के बिना आयोजित किया गया समारोह 
पहली बार उदघाटन समारोह में सिर्फ 10,400 लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें लगभग 6000 खिलाड़ी और टीम अधिकारी शामिल थे. खेलों से जुड़े लोग और विशेष अतिथियों की संख्या लगभग 900 के करीब थी जबकि बाकी संख्या प्रसारण और मीडियाकर्मियों की थी. फिर भी दर्शकों के बिना आयोजित किये जा रहे ओलंपिक खेलों के उदघाटन समारोह में भी भावनाओं का ज्वार उमड़ता दिखा. उदघाटन समारोह में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं देने का फैसला कई सप्ताह पहले किया था. इसको देखने के लिये स्टेडियम में 1000 हस्तियां ही उपस्थित थी जिसमें अमेरिका की पहली महिला जिल बाइडेन भी शामिल हैं.



मार्च पास्ट में भी कम खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया 
महामारी के कारण सभी देशों के कम खिलाड़ियों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया. ओलंपिक मार्च पास्ट की शुरुआत हमेशा की तरह यूनान से हुई जहां पहले ओलंपिक खेल हुए थे. सभी टीमों के खिलाड़ी अपनी पांरपरिक वेषभूषा में दिखे और उन्होंने कुछ लोकप्रिय वीडियो गेम के संगीत पर स्टेडियम में प्रवेश किया. मेजबान जापान का दल सबसे आखिर में स्टेडियम में पहुंचा जिसके बाद आतिशबाजी का एक और दौर देखने को मिला. जब उदघाटन समारोह चल रहा था उस समय भी स्टेडियम के बाहर प्रदर्शनकारी ओलंपिक आयोजन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. पुलिस को उन्हें हटाने के लिये कार्रवाई करनी पड़ी.

पूर्व ओलंपियनों को भी याद किया गया
उदघाटन समारोह के दौरान उन लोगों और पूर्व ओलंपियनों को भी याद किया गया जन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवाई है. इस दौरान म्यूनिख 1972 ओलंपिक में आतंकवादी हमले में मारे गए इजरायली खिलाड़ियों, 2011 के भूकंप और सुनामी में मारे गए लोगों का भी जिक्र किया गया. इन सभी की याद में एक मिनट का मौन रखा गया. जापान की प्रसिद्ध गायिका मिसिया ने राष्ट्रगान गाया. ओलंपिक के पांच चक्र भी रंगारंग कार्यक्रम के बीच स्टेडियम में लाए गए. इन रिंग को उन पेड़ों से तैयार किया गया है जिन्हें ओलंपिक 1964 के दौरान जापान के खिलाड़ियों ने लगाया था. खेलों में योगदान देने के लिये आईओसी ने बांग्लादेश के नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को ‘द ओलंपिक लॉरेल’ से सम्मानित किया.


तोक्यो दूसरी बार ओलंपिक की मेजबानी कर रहा है
तोक्यो दूसरी बार ओलंपिक की मेजबानी कर रहा है. इससे पहले उसने 1964 में ओलंपिक का सफल आयोजन किया था लेकिन उदघाटन समारोह में शुरू में उस दिन को याद किया गया जब 2013 में उसने मेजबानी हासिल की थी. समारोह की शुरुआत तोक्यो 2020 के प्रतीक को प्रदर्शित करने के लिए 20 सेकेंड तक नीली और सफेद रंग की आतिशबाजी के साथ की गई जिसे जापानी संस्कृति में शुभ माना जाता है. समारोह में विविधता में एकता, शांति और एकजुटता पर विशेष ध्यान दिया गया. 


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