Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुज़र रहा है. बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई है कि अब वहां 90 फ़ीसद लोगों ने होटलों में खाना बंद कर दिया है. आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्‍तान में हालात बदतर से बदतर हो गए हैं. पाकिस्तान की सरकार आर्थिक बोहरान से निकलने के लिए कई देशों से क़र्ज़ ले चुकी है, लेकिन अभी तक हालात पटरी पर आने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही है. पाकिस्तान में महंगाई की मार का सबसे ज़्यादा असर वहां के ग़रीब अवाम पर नज़र आ रहा है.


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पाकिस्तान का मज़दूर तबक़ा दाने-दाने के लिए मोहताज नज़र आ रहा है.  मुफ्त आटा तक़सीम करने को लेकर देश भर में आटा डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स पर लाखों लोगों की भीड़ जमा हो जाती है. हर कोई इन केंद्रों पर पहले से लाइन लगाता है, मगर महंगाई और बेरोज़गारी की वजह से लोगों की तादाद बहुत ज़्यादा है, जिसके कारण इन केंद्रों पर लूटपाट और मारपीट की घटनाएं सामने आता रहती हैं. हाल ही में मुफ़्त आगे के वितरण के दौरान हुई  भगदड़ में 16 लोगों की मौत की नींद सुला दिया था. वहीं इससे पहले भी कई जगहों पर मुफ़्त आटे के लिए लूट-मार हो चुकी है.


 


पाकिस्तान में महंगाई शबाब पर हैं और वहां के निम्‍न वर्ग के लोगों के पास खाने-पीने के लिए कुछ भी बाक़ी नहीं बचा है. इस वजह से वहां के अवाम एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं. मक़ामी लोगों और सरकारी मदद पर ही इन लोग गुज़र करने पर मजबूर नज़र आ रहे हैं .पाकिस्‍तान में महंगाई पर किए गए एक सर्वे के दौरान ये बात सामने आई है कि इस्‍लामाबाद में तक़रीबन 90 फ़ीसद लोगों ने यह बात मानी है कि वे होटलों में जाकर बाहर का खाना नहीं खा रहे क्योंकि महंगाई ने उनकी कमर को तोड़ कर रख दिया है, जबकि इसका असर वहां के होटल उद्योग पर देखा जा रहा है. बहरहाल पाकिस्तान में आर्थिक तंगी का दौर कब तक जारी रहेगा, ये कहना मुश्किल है. 


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