Karachi Nuclear Power Plant: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कराची में न्यूक्लियर पॉवर प्लांट की तीसरी इकाई का उद्घाटन किया. पीएम शहबाज़ शरीफ़ ने गुरुवार को महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान इकानॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत बीजिंग की सहायता से निर्मित कराची परमाणु ऊर्जा संयंत्र की तीसरी इकाई का उद्घाटन किया. 'के-3' के तौर पर पहचाने जाने वाली यह इकाई राष्ट्रीय ग्रिड को 1,100 मेगावाट बिजली प्रदान करेगी. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए पीएम शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान का ऊर्जा ईंधन आयात बिल 27 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.


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बिजली के सस्ते स्रोतों की ज़रूरत:PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि और देश को तत्काल ऊर्जा के वैकल्पिक और सस्ते स्रोतों की ज़रूरत है जिनमें सौर, पवन, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा शामिल हैं. शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के पास पनबिजली के ज़रिए 60,000 मेगावाट उत्पादन की क्षमता है, लेकिन अभी तक सिर्फ़ 10,000 मेगावाट की ही पैदावार हो रही है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने एक वीडियो पैग़ाम में परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित उपयोग की अहमियत पर ज़ोर दिया क्योंकि पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहा है.


पाक को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना
चीन-पाकिस्तान इकानॉमिक कॉरिडोर अरब सागर पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से जोड़ता है. USD 60 बिलियन CPEC चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है, जो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक अहम प्रोजेक्ट है.अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी  के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने एक वीडियो संदेश में परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित उपयोग के महत्व पर ज़ोर दिया क्योंकि पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहा है.पाकिस्तान का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र, 137 मेगावाट का KANUPP यूनिट 1, कराची के बाहरी इलाके में बनाया गया था.


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