इस्लामाबाद: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को राहत नहीं दी है, बल्कि एफएटीएफ की बैठक में फैसला लिया गया है कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहेगा. एफएटीएफ के प्रसिडेंट मार्कस प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान लगातार निगरानी में बना रहेगा. उसने 27 में से 26 कार्यबिंदुओं को पूरा किया है.


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इमरान खान को कोशिशों को लगा बड़ा झटका
एफएटीएफ के इस फैसले से वज़ीरे आज़म इमरान खान की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान बीते तीन साल से इससे बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है. ग्रे लिस्ट में शामिल होने से मुल्क की अर्थव्यवस्था बुरी तरह मुतासिर हो रही है.


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एफएटीएफ ने पाकिस्तान को क्या हिदायत जारी की
आज की बैठक में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को क्या हिदायत जारी कीहाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र की लिस्ट में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी होगी. इसके बाद एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान को अगले छह महीने के लिए एक बार फिर से ग्रे लिस्ट में रखने का ऑफिशियल ऐलान आज किया गया है.


एफएटीएफ ग्रुप में कौन कौन मुल्क हैं शामिल
एफएटीएफ के इस समूह में चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत शामिल हैं. इससे पहले, पाकिस्तानी के वज़ीरे खारिजा शाह महमूद कुरैशी ने इलज़ाम लगाते हुए कहा था कि भारत एफएटीएफ का उपयोग अपने सियासी मफाद को साधने के लिए कर रहा है.


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गौरतलब है कि पाकिस्तान को 2018 के जून महीने में ही ग्रे लिस्ट में डाला गया था. इसके बाद अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में हुए एफएटीएफ के रिव्यू के दौरान भी पाकिस्तान को कोई राहत नहीं मिल पाई थी. एफएटीएफ की सिफारिशों पर पाकिस्तान काम करने में अब तक नाकाम साबित हुआ है. अब  एफएटीएफ के हालिया फैसले पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मज़ीद मुतासिर होगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल होने से पाकिस्तान को हर साल करीब 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है.


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