नई दिल्लीः पहले से ही बलूचिस्तान प्रांत के नागरिकों द्वारा अलगाववादी आंदोलन चलाने से परेशान पाकिस्तान एक नई मुसीबत में फंसता नजर आ रहा है. अब पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लोगों ने मांग की है कि उन्हें एक पाकिस्तान से अलग कर एक नया सिंधू देश बना दिया जाए. पाकिस्तान से एक स्वतंत्र सिंधुदेश की मांग करने वाले सिंधी राष्ट्रवादियों ने सोमवार को ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक को एक याचिका पेश कर सिंधी समुदाय के अपहरण और गुमशुदगी को रोकने और लापता व्यक्तियों को रिहा करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालने का अनुरोध किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इससे पहले सिंधी मानवाधिकार प्रचारकों ने पाकिस्तान की सुरक्षा और जासूसी एजेंसियों द्वारा सिंधी और बलूच लोगों के राज्य प्रायोजित अपहरणों पर लंदन में एक विरोध-प्रदर्शन भी किया था. उन्होंने सिंध में सैकड़ों लापता लोगों की रिहाई की मांग की है, जिन्हें पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अगवा कर लिया है. बलूच नेशनल मूवमेंट आरोप लगाया कि पिछले साल 629 लोगों को जबरन गायब कर दिया गया, 195 को गैर-न्यायिक तरीके से मार दिया गया और 187 लोगों को विभिन्न पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा प्रताड़ित किया गया.

बलूच भाइयों के साथ एकजुटता दिखानी होगी
विश्व सिंधी कांग्रेस (डब्ल्यूएससी) की सद्र रुबीना शेख ने विभिन्न जातियों के लोगों के जबरन गायब होने के मुद्दे के बारे में बोलते हुए कहा, “हमें इस मुश्किल हालात में अपने बलूच भाइयों के साथ एकजुटता दिखानी होगी.’’ शेख ने कहा कि पाकिस्तान की तथाकथित स्वतंत्रता के बाद से, देश के दोनों किनारों - बलूचिस्तान और सिंध में सैकड़ों या हजारों लोग लापता हो गए हैं.“ उन्होंने कहा कि दोनों प्रांतों को एक दिन अपनी आजादी मिल जाएगी.

अपहरण करने से रोकने की अपील 
डब्ल्यूएससी के महासचिव लखू लुहानो ने विरोध-प्रदर्शन पर कहा, "सिंध में लापता लोगों को अकेला महसूस नहीं करना चाहिए. उन्हें पता होना चाहिए कि हम उनके साथ हैं.“ उन्होंने दुनिया से पाकिस्तान को लोगों का अपहरण करने से रोकने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा कृत्य है जो दिनदहाड़े हो रहा है और जिसे कैमरों द्वारा भी रिकॉर्ड किया गया है. उन्होंने सिंध के कंधकोट में नाज़िया खोसो और उनकी बेटी के जबरन अपहरण पर भी प्रकाश डाला और पाकिस्तान से उन्हें रिहा करने के लिए कहा है. 

बलूचिस्तान और सिंध प्रांत की भौगोलिक सीमा  
गौरतलब है कि बलूचिस्तान प्रांत की सीमा पाकिस्तान के पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान से लगती है जबकि सिंध प्रांत की सीमा पूर्व में भारत से लगती है. पाकिस्तान के दो क्षेत्रों में अलग-अलग जातियों के लोग रहते हैं जो पाकिस्तान से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बलूच और सिंधी पाकिस्तान से लड़ने में एक दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं, जिसमें विद्रोही समूहों ने दो क्षेत्रों में पाकिस्तानी और चीनी परियोजनाओं पर हमला करने के लिए हाथ मिलाया है.


पाकिस्तान इस वक्त न सिर्फ बलूच और सिंधी राष्ट्रवादियों की गतिविधियों की वजह से बल्कि आतंकवाद, भोजन की कमी, बड़े पैमाने पर ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ एक ढहती अर्थव्यवस्था के कारण भी वैश्विक सुर्खियों में है. बिजली की कमी के कारण उद्योग बंद हो रहे हैं, जबकि इसके पास विदेशी मुद्रा भंडार बमुश्किल तीन सप्ताह के लिए माल आयात करने के लिए शेष बच गया है.


Zee Salaam