PM Modi In Japan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को टोक्यो पहुंचे. मोदी के अलावा विश्व के कई नेता आज यानी मंगलवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे. आबे के अंतिम संस्कार में 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों के प्रमुखों सहित 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है. मोदी ने विमान ने उतरते हुए अपनी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘टोक्यो पहुंच गया हूं.’’ उन्होंने यही ट्वीट जापानी भाषा में भी किया. 


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पीएम किशिदा से भी करेंगे मुलाकात


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टोक्यो पहुंच गए हैं. वह आज शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे और भारत-जापान की विशेष सामरिक व वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराएंगे.’’ इससे पहले मोदी ने सोमवार को ट्वीट किया था, ‘‘मैं (जापान के) पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आज रात टोक्यो जा रहा हूं.’’ उन्होंने आबे को एक प्रिय मित्र और भारत-जापान मित्रता का बड़ा हिमायती बताया था. मोदी ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री किशिदा और आबे की पत्नी अकी से मुलाकात कर सभी भारतीयों की ओर से शोक-संवेदना प्रकट करेंगे. उन्होंने कहा था, ‘‘हम आबे के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत-जापान संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए काम करना जारी रखेंगे.’’


शिंजो आबे ने भारत-जापान संबंधों को गहरा करने में निभाई अहम भूमिका


विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बुडोकान में आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे. इसके अलावा वह जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और आबे की पत्नी अकी से भी मुलाकात करेंगे. क्वात्रा ने कहा, ‘‘इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी (जापान के) पूर्व प्रधानमंत्री आबे को श्रद्धांजलि देंगे, जिन्हें वह अपना एक प्रिय मित्र और भारत-जापान संबंधों का एक बड़ा हिमायती मानते हैं.’’ आबे अपने ‘कॉन्फ्लूएंस ऑफ टू सी’ (दो समुद्रों के संगम) भाषण में आबे ने भारतीय सांसदों से कहा था कि भारत और जापान के द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार की सबसे अधिक क्षमता है. क्वात्रा ने कहा कि मोदी और आबे ने एक दशक से अधिक समय में बैठकों व वार्ता के माध्यम से निजी संबंध कायम किए, जिसकी शुरुआत 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी की जापान यात्रा से हुई थी. क्वात्रा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आबे ने भारत-जापान संबंधों को गहरा करने, आर्थिक संबंधों को एक व्यापक और रणनीतिक साझेदारी में बदलने और इसे दोनों देशों व क्षेत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बनाने में एक अहम भूमिका निभाई.’’ 


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उन्होंने कहा, ‘‘2007 में भारतीय संसद में उनके प्रसिद्ध ‘कॉन्फ्लूएंस ऑफ टू सी’ भाषण ने एक समकालीन राजनीतिक, रणनीतिक व आर्थिक वास्तविकता के रूप में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के उभार के लिए एक आधार तैयार किया.’’ विदेश सचिव ने कहा कि भारत-जापान संबंधों में आबे के योगदान को मान्यता तब मिली जब भारत ने उन्हें 2021 में प्रतिष्ठित ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया. गौरतलब है कि आबे (67) की आठ जुलाई को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. भारत ने आबे के सम्मान में नौ जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया था.


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