Online Gaming Ban: युवाओं में ऑनलाइन गेमिंग के प्रति बढ़ती दीवानगी के चलते तमिलनाडु सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. अपनी सारी कमाई लुटाने साथ ही सट्टेबाजी और जुए में संलिप्त होने के मध्य नज़र ये कदम उठाया जा रहा है.
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Online Gaming Ban: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (M. K. Stalin) की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया गया है. तमिलनाडु कैबिनेट ने सोमवार को ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming)पर प्रतिबंध लगाने वाले एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी राज्यपाल आर.एन. रवि ने दी. मद्रास उच्च न्यायालय ने रमी और दांव के साथ पोकर जैसे ऑनलाइन गेम पर राज्य के प्रतिबंध को हटा दिया था और तमिलनाडु सरकार ने तब सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी.
राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि किशोर और युवा ऑनलाइन गेम में लिप्त होकर अपनी पूरी कमाई और बचत खो रहे हैं. अपनी याचिका में इसने यह भी कहा कि रम्मी को जहां कौशल वाला खेल माना जा सकता है, वहीं दांव लगाकर यह जुएं में बदल गया है.
राज्य सरकार ने ऑनलाइन गेम के प्रतिकूल प्रभावों का अध्ययन करने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति के चंद्रू की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. समिति ने दो सप्ताह में ही 27 जून को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी, जिसमें दांव के साथ ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई थी.
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समिति ने यह भी सिफारिश की कि राज्य सरकार ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाए जो लोगों को इस तरह के ऑनलाइन गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. न्यायमूर्ति चंद्रू समिति ने अपनी रिपोर्ट में, राज्य सरकार से संविधान के अनुच्छेद 252 के तहत ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर के कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार पर जोर देने के लिए कहा.
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