Russia Ukraine War Updates: PM मोदी ने हाल ही में रूस और यूक्रेन की बीच विवाद को सुलझाने की कोशिश की है. रूस के राष्ट्रपति विलादिमिर पुतिन ने PM मोदी से कहा था कि वह युद्ध खत्म करना चाहते हैं. लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के बात करने से इंकार कर दिया था. इसके बाद अब भारत ने रूस के खिलाफ UN में पेश निंदा प्रस्ताव पर दूरी बनाई है.


35 देशों ने नहीं लिया हिस्सा


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प्रस्ताव की हिमायत में 143 वोट मिले, सिर्फ पांच देशों ने इसके खिलाफ वोटिंग की और महासभा के आपातकालीन सत्र में बुधवार को 35 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. प्रस्ताव दो-तिहाई बहुमत से पास हो गया और इस तरह रूस एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग हो गया. महासभा की कार्रवाई 1 अक्टूबर को सुरक्षा परिषद में इसी तरह के एक प्रस्ताव के मास्को के वीटो के बाद हुई. 


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भारत ने प्रस्ताव से बनाई दूरी


भारत के फैसले के बारे में बताते हुए स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि 'बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान के लिए कोशिश करने के संकल्प के साथ, भारत ने दूर रहने का फैसला किया है.' साथ ही, उन्होंने बिना नाम लिए रूस की आलोचना करते हुए कहा, "हमने लगातार इस बात की वकालत की है कि मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है. शत्रुता और हिंसा को बढ़ाना किसी के लिए भी फायदे मंद नहीं है."


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उन्होंने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर कहा है कि, "यह युग जंग का नहीं हो सकता है." उन्होंने सितंबर में महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाषण का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने संघर्ष में यूक्रेन के लिए समर्थन का संकेत देते हुए कहा था, "हम उस पक्ष में हैं जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके संस्थापक सिद्धांतों का सम्मान करता है." इससे पहले महासभा में मतदान के क्रम में, भारत ने पश्चिम के साथ और रूस के विरोध में तीन प्रक्रियात्मक प्रस्तावों पर मतदान किया था, जो इसकी तटस्थता को वास्तविक रूप से प्रभावित नहीं करते हैं. 


भारत ने सुरक्षा परिषद में हाल के प्रस्ताव और मार्च में रूस की निंदा करने वाले महासभा में दो प्रस्तावों पर भी भाग नहीं लिया था. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने प्रस्ताव के समर्थन के लिए तीव्र राजनयिक दबाव के बीच पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी से कॉल पर बात की थी. विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से कहा था कि कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है और बातचीत ही संघर्ष को समाप्त करने का तरीका है. उन्होंने शांति प्रयासों पर काम करने के लिए भारत की तत्परता की भी पेशकश की थी.


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